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महाराष्ट्र: पालघर में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग पर मचा बवाल, हिरासत में 101 आरोपी

देश भर में कोरोना लॉकडाउन है और इस बीच महाराष्ट्र के पालघर जिले से शुक्रवार को मॉब लिंचिंग की शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई थी. यहां करीब 200 लोगों की भीड़ ने 2 साधु और 1 ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला था. घटना को लेकर विपक्ष, उद्धव सरकार पर लगातार हमलवार है. वहीं तीन लोगों की निर्मम हत्या पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए 101 लोगों को हिरासत में ले लिया है. इसकी जानकारी महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ट्वीट किया, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है. जिन्होंने 2 साधु, 1 ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दंड दिया जाएगा.

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट किया, मुंबई से सूरत जानेवाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, पालघर में जिस क्रूरता के साथ मॉब लिंचिंग हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है. मैं एक उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं. जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए.

भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने ट्वीट किया, मैं आहत हूं, महाराष्ट्र में दो सन्यासियों की निर्मम हत्या कर दी गई पुलिस-परशासन मौन था. सन्यासियों की हत्या संपूर्ण सनातनियों व देश के लिए एक चुनौती है. इस घटना की जांच हो कठोरतम दंड के साथ न्याय हो. जब-जब अखाड़े अपने उद्देश्यों से च्युत होंगे, विधर्मी प्रबल होंगे.

बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा, इंसान के भेष में घूमने वालों जानवरों द्वारा सबसे अमानवीय, बर्बर और निंदनीय कृत्य. उन्होंने तीन लोगों की जान ले ली और 70 साल के एक बुजुर्ग की दलील को भी नहीं सुनी.

बता दें कि ग्रामीणों ने इन तीनों लोगों की मॉब लिंचिंग उस समय की, जब ये लोग नासिक की ओर जा रहे थे. इनमें से एक ड्राइवर था, जबकि दो साधु थे जो मुंबई के रहने वाले बताए जा रहे हैं. मृतकों की पहचान सुशीलगिरी महाराज, निलेश तेलगड़े और जयेश तेलगड़े के रूप में हुई है.

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक, पालघर जिले में दाभडी खानवेल रोड स्थित एक आदिवासी गांव में शुक्रवार तड़के करीब 200 लोगों ने इन तीनों को लुटेरा समझकर इनपर पथराव कर दिया था और इनके वाहन को रोकने लगे. जब इन लोगों ने अपने वाहन को रोका, तो भीड़ ने इन्हें वाहन से उतारकर डंडों व रॉड से पीटना शुरू कर दिया.

जब ग्रामीणों ने इन पर पथराव किया और वाहन को रोकने की कोशिश की, तो ड्राइवर ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. इस सूचना पर पुलिस टीम फौरन घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की. हालांकि, भीड़ इतनी उग्र थी कि पुलिस पर भी हमला कर दिया. इस हमले में पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा.

ग्रामीणों के हमले में कासा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के अलावा जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए. कुल मिलाकर इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए. वहीं इस घटना में मौके पर ही दो साधु और एक ड्राइवर की मौत हो गई.

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