MUST KNOW

DNA ANALYSIS: कोरोना की ‘विदाई’ की तारीख आई, पता चला कि कब मिलेगी मुक्ति?

Lockdown से आजादी कब मिलेगी? इसका अभी तक एक ही जवाब है – जब कोरोना से मुक्ति मिलेगी . लेकिन सवाल ये है कि आखिर कोरोना से पूरी तरह मुक्ति कब मिलेगी ? इस सवाल का जवाब दिया है सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नोलॉजी और डिजाइन ने. जिसने 25 मई तक भारत में कोरोना के 97 प्रतिशत खत्म होने की भविष्यवाणी की है . ये भविष्यवाणी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर आधारित है, जिसमें करीब 85 देशों में कोरोना संक्रमण के मामले और स्वस्थ होने वाले मरीजों के डाटा का अध्ययन किया गया है .

क्‍या कहती है रिपोर्ट?
भारत में 25 मई तक कोरोना संक्रमण के 97 प्रतिशत मामले खत्म हो जाएंगे. चार जून तक ये संक्रमण 99 प्रतिशत खत्म हो जाएगा और इसे पूरी तरह खत्म होने में एक अगस्त तक का समय लगेगा . इसी तरह पूरी दुनिया में 30 मई तक 97 प्रतिशत कोरोना खत्म हो जाएगा . 16 जून तक ये 99 प्रतिशत तक खत्म हो जाएगा और सौ प्रतिशत खत्म होने में 27 नवंबर तक का वक्त लगेगा

कोरोना का सबसे ज्यादा कहर झेल रहे अमेरिका में 15 मई तक 97 प्रतिशत कोरोना वायरस खत्म हो सकता है . वहां 27 मई तक 99 प्रतिशत और 5 सितंबर तक इस वायरस की पूरी तरह से विदाई होने का अनुमान है

हालांकि ऐसा ही होगा, ये जरूरी नहीं है . क्योंकि ये भविष्यवाणी, सभी देशों में कोरोना संक्रमण की स्टेज और स्थिति को देखते हुए महामारी के जीवन चक्र के अनुमान पर आधारित है . जो कोरोना संक्रमण के रोज बदलने वाले आंकड़ों के साथ बदलती रहेगी . आसान शब्दों में कहें तो कोरोना के नए मरीजों की संख्या और पुराने मरीजों के ठीक होने की दर के आधार पर, कोरोना खत्म होने की तारीख, घटती-बढ़ती रहेगी 

लॉकडाउन और सोशल डिस्‍टेंसिंग
इस रिपोर्ट से एक बार फिर ये बात साबित होती है कि हम Lockdown और Social Distancing का जितना ज्यादा पालन करेंगे, उतनी ही जल्दी हम अपने देश से कोरोना का अंत कर पाएंगे . वैसे इस वक्त देश में Lockdown का कोरोना पर क्या और कितना असर हो रहा है, मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे जुड़े आंकड़े देश के सामने रखे हैं:

देश के 80 जिलों में पिछले सात दिनों में कोई नया केस नहीं आया है. 47 जिलों में, पिछले 14 दिन में कोई नया मरीज नहीं मिला है. 39 जिलों में 21 दिन से और 17 जिलों में 28 दिन से नया मामला सामने नहीं आया है. इस वक्त देश में संक्रमण के कुल 29 हजार 435 मामले आ चुके हैं जिनमें से 7803 मरीज ठीक हो चुके हैं और अब तक 937 लोगों की मौत हुई है.

कोरोना से एक भी मरीज की मौत होना बेहद दुखद है, लेकिन सोचिये, अगर Lockdown ना किया गया होता, तो ये संख्या कितनी अधिक हो सकती थी . कोरोना संक्रमण को रोकने में Lockdown कितना कारगर साबित हो रहा है, इसका पता देश में कोरोना की कम होती रफ्तार से भी लगता है .

Lockdown से पहले 21 से 25 मार्च के बीच कोरोना के मरीजों की संख्या में प्रतिदिन 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही थी. Lockdown के पहले हफ्ते में 26 मार्च से एक अप्रैल के दौरान ये घटकर 18 प्रतिशत हो गई. दो से सात अप्रैल के बीच Lockdown के दूसरे हफ्ते में 16 प्रतिशत रह गई. तीसरे हफ्ते में और ज्यादा घटकर 12 प्रतिशत और चौथे हफ्ते में 8 प्रतिशत हो गई और अब लॉकडाउन के पांचवें हफ्ते में रोजाना कोरोना संक्रमण के मामले 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं.

रिकवरी रेट में बढ़ोतरी
यानी Lockdown ने कोरोना को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाई है . वैसे एक अच्छी बात ये भी है कि देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर भी तेजी से बढ़ रही है . देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट अब 23.4 प्रतिशत हो गया है . इस मामले में केरल सबसे ऊपर है जहां Recovery Rate 98.8 प्रतिशत है.

98.3 प्रतिशत के साथ हरियाणा दूसरे और 97.7 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ तमिलनाडु देश में तीसरे नंबर पर है. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का रिकवरी रेट सबसे ज्यादा खराब है . गुजरात का रिकवरी रेट 67.5 प्रतिशत है.

4% लोगों में संक्रमण की पुष्टि
भारत में अब तक 7 लाख से ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं . जिनमें से चार प्रतिशत लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. यानी 100 लोगों की जांच हो रही है तो 4 लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं . इस मामले में भी भारत, कई देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है. भारत में कुल कोरोना जांच में संक्रमण की पुष्टि की दर, चार प्रतिशत है जबकि अमेरिका में हर सौ में से 18 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही है . इटली में ये दर 11 प्रतिशत, फ्रांस में 26 प्रतिशत, स्पेन में 21 प्रतिशत और ब्रिटेन में 28 प्रतिशत है .

दुनिया के बीस सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की भारत से तुलना की जाए तो इन देशों में 80 प्रतिशत ज्यादा मामले सामने आए हैं और वहां भारत के मुकाबले, दो सौ गुना ज्यादा मौतें भी हो रही हैं. जो बताता है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत, इस महामारी का ज्यादा मजबूती से सामना कर रहा है . लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमें इतने में ही संतुष्ट हो जाना चाहिए . जब तक देश में कोरोना का एक भी मरीज है, तब तक देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी पूरी ताकत के साथ इस युद्ध को लड़ना होगा 

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top