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‘नए वायरस’ के मिशन पर चीन की ‘BATWOMEN’? इसी पर है कोरोना वायरस बनाने का आरोप

नई दिल्ली: फिल्मों और किताबों में बैटमैन नाम का किरदार लोगों की जान बचाता था, लेकिन चीन की एक बैटवुमन पर दुनियाभर में लोगों की जान से खिलवाड़ करने का आरोप लग रहा है. बैटवुमन, दरअसल एक महिला वैज्ञानिक है जो वुहान के उसी मौत वाली लैब में रिसर्च करती हैं, जहां से कोरोना (Corona) के दुनियाभर में फैलने का दावा किया जाता है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि चाइनीज बैटवुमन ने पहले तो चीनी सरकार के इशारे पर लैब में कोरोना वायरस (Coronavirus) बनाया और अब  दुनिया को दूसरा नया वायरस देने के मिशन में जुट चुकी है.

चीन की ये वही खतरनाक लैब है, जहां से खतरनाक कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल गया. अब खुलासा हुआ है कि इसी लैब में काम करने वाली एक महिला वैज्ञानिक ने ही कोरोना वायरस का इजाद किया और दुनिया को कोरोना वायरस के युग में ढकेल दिया.

BATWOMAN दो शब्दों को जोड़कर बना है- बैट और वुमन. बैट मतलब चमगादड़ और वुमन मतलब महिला. चीन की महिला वैज्ञानिक शी झेंगली को बैटवुमन इसलिए कहा जाता है क्योंकि शी झेंगली कई सालों से वुहान की पी4 लैब में चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस पर रिसर्च करती आ रही हैं.

जब चीन समेत दुनिया भर में कोरोना वायरस फैला और लाखों लोग संक्रमित होने लगे तो चीन की खुफिया एजेंसियों ने वैज्ञानिक शी झेंगली को कहीं छिपा दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी वैज्ञानिक शी झेंगली ने फरवरी के महीने में तो कोरोना वायरस के वुहान लैब से कनेक्शन होने से पूरी तरह से इंकार किया था, लेकिन मार्च आते आते उनके सुर बदल गए थे. उन्होंने दावा किया था कि कोरोना वायरस के लैब से लीक होने की आशंका से कई रात उन्हें नींद नहीं आई थी.

अभी दुनिया कोरोना से निपटने में ही लगी है. दुनिया के लगभग सारे देशों में लोगों की जान बचाने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. और तो और, अभी तक कोरोना की कोई दवा या वैक्सिन भी नहीं ढूंढी जा सकी है, लेकिन खबरों के मुताबिक चाइनीज बैटवुमन यानी वायरस वैज्ञानिक शी झेंगली वुहान के पी4 लैब में फिर से पहुंच गई हैं. 

‘चाइनीज बैट-वुमन’ नया वायरस बनाने में जुटी!
दावा किया जा रहा है कि वुहान की इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में शी झेंगली ने फिर से काम शुरू कर दिया है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि शी झेंगली अब कोरोना से भी खतरनाक वायरस बनाने में जुटी हुई हैं. यानी इसकी आशंका बनी हुई है कि अगर कोरोना का इलाज दुनिया आने वाले वक्त में ढूंढ भी लेती है तो चीन कोई दूसरा नया जानलेवा वायरस फैला सकता है.

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