MUST KNOW

कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर

कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में बड़े पैमाने पर कई तरह के रिसर्च चल रहे हैं. वैक्सीन बनाने से लेकर ये वायरस कैसे फैल रहा है और इसकी शुरुआत कैसे हुई, इन सब चीजों का पता लगाने के लिए रिसर्च जारी है.इसी बीच दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर Fugaku को भी कोरोना वायरस से जुड़े रिसर्च के लिए लगाया गया है. ये जापान का है और हाल ही में इसने IBM के समिट सुपर कंप्यूटर को पीछे छोड़ कर नंबर-1 बन गया है.

जापान के पास फिलहाल दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है और इसे कोरोना वायरस ट्रीटमेंट और फैलने से जुड़े रिसर्च के लिए यूज किया जा रहा है. गौरतलब है कि Fugaku नाम का ये सुपर कंप्यूटर दुनिया भर के सुपर कंप्यूटर्स से ज्यादा तेज है.

टॉप-500 सुपर कंप्यूटर्स की लिस्ट में Fugaku पहले नंबर पर है. इसे जापान की कंपनी Fujistu और सरकारी रिसर्च इंस्टिट्यूट Riken ने मिल कर तैयार किया है. दूसरे नंबर पर IBM का सुपर कंप्यूटर है जिसका नाम Summit है.

Fugaku सुपर कंप्यूटर जिसे कोरोना वायर ट्रीटमेंट से जुड़े रिसर्च के लिए यूज किया जा रहा है, इसकी स्पीड की बात करें तो ये एक सेकंड में 4.15 लाख ट्रिलियन कंप्यूटेशन कर सकता है. IBM के Summit सुपर कंप्यूटर की बात करें तो Fugaku इससे 2.5 गुना तेज है.

इससे पहले लगातार चार बार IBM का Summit सुपर कंप्यूटर नंबर-1 पर था, लेकिन अब Fugaku ने इसे पीछे छोड़ दिया है. Fugaku से फिलहाल एक्स्पेरिमेंटल तौर पर COVID-19 से जुड़े रिसर्च शुरू किए जा चुके हैं.

अगले साल ये सुपर कंप्यूटर पूरी तरह से ऑप्शनल होगा और तब ये मशीन कोरोना वायर के संभावित ट्रीटमेंट के बारे में रिसर्च करने लायक होगा. ये सुपर कंप्यूटर एक कमरे के साइज का है और Fujistu के साथ वहां की सरकारी इंस्टिट्यूट ने मिल कर करीब 6 साल में इसे तैयार किया है.

Riken सेंटर फॉर कंप्यूटेशनल साइंस के हेड ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि मुझे उम्मीद है Covid-19 जैसे मुश्किल सोशल चैलेंज से निपटने में इसका बड़ा योगदान होगा.

सुपर कंप्यूटर्स की बात करें तो ये आम कंप्यूटर्स के मुकाबल 1,000 गुना ज्यादा फास्ट होते हैं. आम तौर पर सुपर कंप्यूटर्स को रिसर्च के लिए यूज किया जाता है.

कंप्यूटेशनल साइंस से लेकर अलग अलग फील्ड में इसे रिसर्च के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. इनमें क्वॉन्टम मैकेनिक्स, क्लाइमेट रिसर्च, वेदर फोरकास्ट, मॉलेक्यूलर मॉडलिंग और ऑएल या गैस एक्स्प्लोरेशन जैसे फील्ड शामिल हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top