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DNA ANALYSIS: सीमा पर शांति से चीन को ‘परहेज’, पीछे हटने से किया इनकार

नई दिल्ली: आज की सबसे बड़ी और चिंताजनक खबर ये है कि चीन ने LAC पर विवादित इलाकों से पीछे हटने से मना कर दिया है. चीन की सेना ने पैंगोंग झील के पास फिंगर 4 इलाके से पीछे हटने की बजाय LAC पर 40 हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं. चीन के इस धोखे की वजह से भारत की सेना ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. भारत की सेना ने आने वाली सर्दियों को देखते हुए बड़ी संख्या में सैनिकों और उनके साजोसामान को मोर्चे पर भेजना शुरू कर दिया है. यानी ये विवाद सर्दियों तक या शायद उससे भी लंबा चलेगा और इसके जल्दी खत्म होने की अभी कोई उम्मीद नहीं है.

इसका सीधा मतलब यही है कि चीन शांति नहीं चाहता और वो टकराव को बनाए रखना चाहता है. चीन के इस धोखे की वजह से भारत की सेना ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.

भारत को चीन पर भरोसा नहीं है और इसीलिए हर स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना सतर्क है और यही सतर्कता, भारतीय सेना सर्दियों तक बनाए रखेगी. लेकिन अगर सर्दियों तक ये टकराव चलेगा तो स्थितियां बहुत मुश्किल होंगी, क्योंकि सर्दियों में लद्दाख का तापमान माइनस 50 डिग्री तक पहुंच जाता है. हालांकि इन स्थितियों में भारतीय सेना को बहुत अनुभव है और ये बात दुनिया मानती है कि ऐसे मौसम और ऐसे पहाड़ी इलाकों में भारतीय सेना से ताकतवर कोई और सेना नहीं है.

चीन ने फिर दिया धोखा
लेकिन अभी तो चीन द्वारा उस वादे के पालन की बात है, जिसमें उसने सीमा पर टकराव वाली जगहों से पीछे हटने की बात कही थी, जबकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की चार बार बातचीत हो चुकी है. लेकिन पेंगोंग झील के फिंगर 4 से अब भी चीन के सैनिक पीछे नहीं हटे हैं. अब यही दोनों देश के बीच सीमा विवाद का सबसे बड़ा मुद्दा है.

इसका सीधा मतलब ये है कि चीन अपने वादे को पूरा नहीं कर रहा है और जानबूझ कर विवाद को खत्म नहीं करना चाहता है. इसीलिए भारत भी अपनी सतर्कता और अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है. बुधवार से भारतीय वायुसेना के कमांडर्स की बैठक शुरू हुई है, जिसमें चीन से विवाद के बीच LAC पर वायुसेना की तैयारियों पर चर्चा हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी थे. उन्होंने भारतीय वायुसेना को LAC पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है.

वायुसेना को तैयार रहने के आदेश
इसी मीटिंग में रक्षा मंत्री ने वायुसेना को स्पष्ट किया है कि टकराव की स्थिति में अगर जरूरत पड़ती है तो वायुसेना शॉर्ट नोटिस पर ऑपरेशन के लिए तैयार रहे. वायुसेना ने पिछले कुछ हफ्तों में जिस तेजी के साथ लद्दाख की सीमा पर अपनी तैनाती बढ़ाई है, इसके लिए वायुसेना की तारीफ भी की गई है.

LAC पर वायुसेना ने जबरदस्त तैयारी की है. वायुसेना के सुखोई-30MKi, जगुआर और मिराज 2000 लड़ाकू विमान, लद्दाख में रणनीतिक रूप से अहम ठिकानों पर तैनात हैं. अगले हफ्ते वायुसेना को 5 रफाल लड़ाकू विमान भी मिलने वाले हैं. इसके अलावा मंगलवार को ये खबर भी आई थी कि लद्दाख में अब भारतीय नौ सेना के MiG-29K लड़ाकू विमान भी भारत की सैन्य ताकत बढ़ाएंगे.

इस खबर का सार ये है कि चीन धोखा देने की अपनी आदत से पीछे नहीं हटने वाला है और भारत को इसे लेकर बहुत सावधान रहना होगा और लंबे समय तक मोर्चे पर बने रहने की तैयारी करनी होगी.

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