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Lockdown में फ्लाइट टिकट कैंसिल करने वाले यात्रियों को झटका! डूब सकता है आपका पैसा

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा 24 मार्च से लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से रद्द हुई उड़ानों के टिकटों का 3000 करोड़ रुपये वापसी के लिए यात्रियों को अभी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि कैंसल हुई उड़ानों के टिकटों का पूरा पैसा वापस करने को लेकर एयरलाइंस (Airlines) अभी तैयार नहीं हैं.

एयरलाइंस द्वारा शेयर किए गए डिटेल्स से पता चलता है कि उन्होंने 3,000 करोड़ रुपये का रिफंड न कर इसका इस्तेमाल भविष्य में यात्रा के लिए कर सकते हैं. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 1,500 करोड़ रुपये यात्रियों को वापस कर दिया गया है. सरकार का भी यह विचार है कि एयरलाइंस को इन रिफंड का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं है.

एयरलाइंसों ने साधी चुप्पी!
एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर Economic Times से कहा कि एयरलाइंस सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं और इस वजह से रकम को वापस करने के लिए उन्हें मजबूर करना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि एक समाधान तैयार करने की आवश्यकता है जो एयरलाइनों और यात्रियों दोनों की अनदेखी न हो. ET ने सभी घरेलू एयरलाइंसों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनमें से किसी ने जवाब नहीं दिया, क्योंकि मामला फिलहाल अदालत में है.

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से रद्द हुई उड़ानों के टिकटों का पूरा पैसा वापस कराने के लिए दायर एक याचिका पर पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने केंद्र सरकार और Directorate General of Civil Aviation (DGCA) को नोटिस जारी किए थे. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एयरलाइंस टिकटों का पैसा लौटाने में विफल रही है और वे गैरकानूनी तरीके से अनिच्छुक यात्रियों पर जबर्दस्ती Credit shells की व्यवस्था थोपने का प्रयास कर रही हैं.

मनमानी कर रहे हैं एयरलाइंस
याचिका में दावा किया गया है कि एयरलाइंसों द्वारा टिकटों का पैसा लौटाने से इनकार करना मनमानी है और यह नागरिक उड्डयन जरूरतों के खिलाफ है,क्योंकि Credit shells स्वीकार करना पूरी तरह से यात्रियों की इच्छा पर निर्भर करता है. याचिका में टिकट की पूरी रकम नहीं लौटाने की एयरलाइंस की कार्रवाई को मनमानी घोषित करने का अनुरोध किया गया है. याचिका के अनुसार 16 अप्रैल को DGCA ने सभी विमान कंपनियों को निर्देश दिया था कि 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच पहले लॉकडाउन के दौरान टिकट बुक कराने वाले यात्रियों और बुकिंग रद्द कराने वाले यात्रियों को पूरा पैसा लौटाया जाए.

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