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‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ की Unique हेल्थ ID से ऐसे मिलेगा लोगों को लाभ, बिना रिपोर्ट के होगा इलाज

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को मौके पर लाल किले से सरकार की तमाम उपलब्धियों के बारे में बताया था. इसी दौरान उन्होंने हेल्थ से जुड़ी एक नई स्कीम (National Digital Health Mission) की भी घोषणा की थी. भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (National Digital Health Mission) को लॉन्च किया. इस योजना को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है. यहां हम आपको इस स्कीम से जुड़ी तमाम जानकारियां दे रहे हैं. 

क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ का मकसद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है. इस मिशन में सरकार ने टेक्नोलॉजी का ज्यादा प्रयोग करने का फैसला लिया है. इस योजना के लिए सरकार एक मोबाइल ऐप भी तैयार कराने की प्लानिंग कर रही है. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के मुख्य तौर पर हेल्थ, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, देशभर के निजी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के रजिस्ट्रेशन पर फोकस होने की उम्मीद है.

बिना रिपोर्ट के हेल्थ ID से चल जाएगा बीमारी का पता
आने वाले समय में हर व्यक्ति के पास आधार कार्ड और पेन कार्ड की तरह हेल्थ आईडी कार्ड भी अनिवार्य कर दिया जाएगा. ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ के तहत हर व्यक्ति की एक हेल्थ ID तैयार की जाएगी. इस हेल्थ कार्ड में प्रत्येक व्यक्ति का मेडिकल रिकॉर्ड होगा. इस कार्ड में व्यक्ति के हर टेस्ट, बीमारी, डॉक्टर का नाम, दवा और रिपोर्ट्स के बारे में जानकारी होगी. इसे आसान भाषा में समझें तो आने वाले समय में यदि आप देश के किसी भी कोने में इलाज कराने जाएंगे तो पर्ची और टेस्ट रिपोर्ट साथ ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि आपकी हेल्थ की पूरी जानकारी आपके हेल्थ कार्ड में होगी. ऐसे में डॉक्टर यूनिक आईडी के जरिए आपकी बीमारी का पता लग सकता है. 

आधार कार्ड की तरह होगी हेल्थ ID
अभी कोई ऐसा डेटा नहीं है जिसके जरिए ये पता लग जाए कि व्यक्ति पहले किस बीमारी का शिकार रह चुका है और किन दवाइयों का उसने सेवन किया है. लेकिन, हेल्थ कार्ड में ये सारी डिटेल्स उपलब्ध होंगी. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हर व्यक्ति को एक यूनिक कार्ड जारी किया जाएगा. हेल्थ कार्ड भी आधार कार्ड की तरह होगा. इस कार्ड के जरिए मरीज के निजी मेडिकल रिकॉर्ड का पता लगाया जा सकेगा. कोई भी व्यक्ति घर बैठे हेल्थ आईडी बना सकता है. आपको अपने आधार कार्ड या मोबाइल नंबर से इसे लिंक करके अपनी हेल्थ आईडी बनानी होगी. एक बार बनाई गई आईडी के जरिए अस्पतालों और डॉक्टरों के बीच डिजिटल रूप से डेटा शेयर करने की अनुमति होगी.

हेल्थ कार्ड से लिंकअप होंगे अस्पताल, क्लीनिक
मरीज का मेडिकल डेटा रखने के लिए अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर एक सेंट्रल सर्वर से लिंक रहेंगे. इसमें जांच क्लिनिक भी रजिस्टर्ड होंगे. हेल्थ कार्ड में 14 अंक का पोर्टेबल नंबर होगा. आपको इन 14 अंक के नंबर को याद रखने की जरूरत नहीं है बल्कि आईडी से ही काम चल जाएगा. 

6 राज्यों में हेल्थ मिशन की शुरुआत
देश के 6 केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी शुरुआत हो रही है. जिन केंद्र शासित प्रदेशों को इसका सबसे पहले लाभ मिलने वाला है, उनमें- अंडमान निकोबार द्वीप, चंडीगढ़, लद्दाख, लक्षदीप, दादरा नगर हवेली और दमन-दीव और पुडुचेरी शामिल हैं. इन केंद्र शासित राज्यों के बाद देश के दूसरे राज्यों में इस योजना को जारी किया जाएगा. 

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