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GST Council की 41वीं बैठक आज- जानिए क्या होगा सस्ता और क्या महंगा?

नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 41वीं बैठक आज 11 बजे होगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी कम्पेनसेशन (GST Compensation) पर चर्चा होगी. सोना बेचने पर तीन फीसदी जीएसटी लगाए जाने पर फैसला हो सकता है. साथ ही, गोल्ड को ई-वे बिल के दायरे में लाने और टू-व्हीलर्स पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है.

बाइक और स्कूटर हो सकते है 10 हजार रुपये तक सस्ते- मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) ने 2 व्हीलर बनाने वाली कंपनियों को राहत देने के संकेत दिए है. 27 अगस्त को होने वाली GST काउंसिल की 41वीं बैठक में ऑटो इंडस्ट्री की इस डिमांड पर वित्त मंत्री गौर कर सकती है. इस खबर के बाद बजाज ऑटो (Bajaj Auto) के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने CNBC-TV18 को एक खास इंटरव्यु में बताया कि अगर सरकार टू-व्हीलर पर GST (GST on two wheeler) घटाती है तो इससे इंडस्ट्री को बड़ा फायदा होगा. उन्होंने कहा, इस संकट के माहौल में सरकार को इसेंटिंव देना चाहिए, ताकि कंपनियों की हालत बेहतर हो सके. मौजूदा समय में ऑटो सेक्टर पर फिलहाल 28 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जाता है. राजीव बजाज बजाज ने बताया कि अगर GST 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जाता है तो बाइक की कीमत 8000 से 10,000 रुपये तक सस्ती हो सकती है.

महंगी हो सकती है चीज़ें-CNBC-TV18 को सूत्रों को मिली जानकारी के मुताबिक, GST काउसिंल की बैठक में कुछ राज्यों द्वारा अहितकर सामान यानी सिन गुड्स (Sin Goods) पर सेस बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की संभावना है. सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने का सुझाव देने वालों में पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं. अगर ऐसा होता है तो सिगरेट, पान मसाला महंगे हो जाएंगे.

मौजूदा GST रेट स्ट्रक्चर के अनुसार, कुछ सिन गुड्स, जिसमें सिगरेट, पान मसाला और एरेटेड पेय शामिल हैं, इन पर सेस लगता है. सिन गुड्स के अलावा, कार जैसे लक्जरी उत्पादों पर भी सेस लगाया जाता है.

गोल्ड ज्वेलरी को बेचने पर देना पड़ सकता है टैक्स- पुराने सोने के आभूषण या सोना बेचने पर मिलने वाली राशि पर आने वाले समय में तीन प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ सकता है, आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है, हाल ही में राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन गई है.

जीओएम ने यह भी फैसला ले सकता है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा, यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा सकता है. अभी भी छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में कई जगह सोने की बिक्री के बाद दुकानदार कच्चा बिल देते हैं. यह पूरी प्रक्रिया कर चोरी रोकने और काला धन खपाने के लिए होती है, अब इस पर रोक लगाने के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य करने की तैयारी है, इस पर जीएसटी की बैठक में चर्चा होगी.

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