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दावा: अब ID कार्ड से भागेगा कोरोना?, जाने कितनी सच्चाई है इसमें

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के शुरुआती दौर से वायरस से बचने का कारगर फ़ॉर्म्युला – “मास्क, हैंड सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन रहा है. लेकिन बाज़ार में अब कई ऐसे प्रोडक्ट आ चुके है, जो कोरोना वायरस से बचाव के नाम पर बिक रहे हैं. ऐसा ही एक प्रोडक्ट है- “Virus Shut Out” जिसे लोग इस्तेमाल में ला रहे हैं.

ऑनलाइन बाज़ार में Air Sterlization Sard की डिमांड बहुत बढ़ गयी है. सबसे पहले चायनीज़ कंपनी ने इस कार्ड को बाज़ार में उतारा इसके बाद जापान और अब भारत की कंपनिया भी कोरोना से बचने वाले कार्ड को बेच रही है. इस प्रोडक्ट को ‘वायरस ब्लॉकर डिसइंफेक्शन कार्ड’ कहा जा रहा है. इसे एक आईडी कार्ड की तरह गले में पहनना होता है.

बाज़ार में कई कम्पनी इसे ‘Virus Shut Out’ कार्ड के नाम से बेच रही है तो कुछ वायरस ब्लॉक आउट ,गेट आउट वाइरस, मेडिकल स्टोर से लेकर ऑनलाइन प्लैट्फ़ॉर्म में आसानी से यह प्रोडक्ट मौजूद है. यह प्रॉडक्ट 150 रुपए से लेकर 600 रुपए के अलग-अलग पैक में अवेलबल है.  इस ID कार्ड में 97.9% COVID-19 वायरस को तुरंत खत्म करने का दावा किया गया है. ये कार्ड 30 दिनों तक चलता है.

Virus Shut Out कार्ड कैसे करता है काम ??

आईडी कार्ड की तरह दिखने वाले प्रोडक्ट में नेमटैग की जगह केमिकल से भरा एक छोटा नीला पैकेट होता है, जो की एक पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर की तरह काम करता है. कार्ड में लो कंसंट्रेशन क्लोरीन डाईऑक्साइड होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को दूर रखता है. ये 1 मीटर के दायरे की हवा को सुरक्षित करता है. साथ ही SARS-CoV-2 वायरस को खत्म करता है. क्लोरीन डाईऑक्साइड एंटी-वायरल एजेंट होते हैं.

ID कार्ड से कोरोना से बचाव के दावे में कितनी सच्चाई ??

ID कार्ड को शर्ट की जेब में या फिर कॉलर पर क्लिप की मद्द से पहना जा सकता है. कंपनिया ID कार्ड को छोटे बच्चों से लेकर बूढ़े लोगों के इस्तेमाल के लिए सही बता रही है. हालांकि, यह प्रोडक्ट कोरोना वायरस संक्रमण से बचाएगा -इस दावे का कोई प्रूफ़ नहीं है. अमेरिका, वियतनाम, थाईलैंड और फिलीपींस में इसे बैन कर दिया गया है. लेकिन भारत में अब भी यह बिक रहा है.

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