FINANCE

SBI ग्राहकों के लिए बड़ी खबर! बैंक की नई स्कीम से घर बैठें सस्ती करें अपनी EMI

नई दिल्‍ली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के निर्देशों के मुताबिक लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी पेश कर दी है. इसका मकसद कोविड-19 (COVID-19) के असर से बैंक के खुदरा कर्जदारों (Retail Borrowers) को राहत देना है. लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी को लागू करने के लिए एसबीआई ने सोमवार को एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया. ग्राहक बैंक के पोर्टल https://bank.sbi/ या https://sbi.co.in के जरिये घर बैठे पता कर सकेंगे कि उनका होम लोन या ऑटो लोन रिस्‍ट्रक्‍चर हो सकता है या नहीं.

रिस्‍ट्रक्‍चरिंग पात्रता जानने के लिए देना होगा आय का ब्‍योरा
एसबीआई ने कहा कि इस पोर्टल के जरिये होम लोन, ऑटो लोन जैसे रिटेल लोन की रिस्ट्रक्चरिंग आसानी से हो सकेगी. ग्राहकों को लोन रिस्‍ट्रक्‍चर की पात्रता की जानकारी हासिल करने के लिए सिर्फ अपनी इनकम का ब्‍योरा देना होगा. बता दें कि आरबीआई के लोन रिस्ट्रक्चरिंग फ्रेमवर्क के तहत वे कर्जदार लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए पात्र हैं, जिनके लोन अकाउंट स्टैंडर्ड श्रेणी में आते हैं. इसमें वे ग्राहक आएंगे, जिन्‍होंने लोन पेमेंट में 1 मार्च 2020 तक 30 दिन या इससे ज्यादा का डिफॉल्ट नहीं किया है. साथ ही जिनकी आय पर कोरोना संकट का असर पड़ा है, वे भी इसके दायरे में आएंगे.

पोर्टल के जरिये की जा सकती है मोरेटोरियम की रिक्‍वेस्‍ट

स्‍टेट बैंक के इस पोर्टल के जरिये ग्राहक अपने लोन के मोरेटोरियम (Moratorium) के लिए भी रिक्वेस्ट कर सकेंगे. इसके तहत एक माह से लेकर 24 महीने तक के लिए मोरेटोरियम की रिक्वेस्ट किया जा सकेगी. यही नहीं, ग्राहक इस पोर्टल के जरिये अपने लोन रिपेमेंट की अवधि (Loan Repayment Duration) बढ़ाने के लिए भी रिक्वेस्ट कर सकते हैं. आरबीआई ने बैंकों को अपने व्यक्तिगत ग्राहकों को लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प देने की अनुमति दे दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बैंकों को 15 सितंबर 2020 तक लोन रिस्ट्रक्चरिंग योजना शुरू करने के लिए कहा था.

ऐसे कर सकते हैं पोर्टल के जरिये अपने लोन की रिस्‍ट्रक्‍चरिंग
>> पोर्टल में लॉग इन करने के बाद एसबीआई के रिटेल ग्राहकों को खाता संख्या डालने के लिए कहा जाएगा.

>> ओटीपी वैलिडेशन पूरा होने और कुछ जरूरी जानकारियां डालने के बाद ग्राहक को लोन रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर अपनी पात्रता का पता चल सकेगा. उसे एक रेफरेंस नंबर भी मिलेगा.

>> रेफरेंस नंबर 30 दिन तक मान्य रहेगा. इस दौरान ग्राहक जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए बैंक की शाखा जा सकता है.

>> लोन रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया डॉक्‍युमेंट्स के वेरिफिकेशन और ब्रांच में डॉक्युमेंट के एग्जीक्यूशन के बाद पूरी होगी

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