कोरोनावायरस की स्थिति का वजह से टैक्सपेयर्स को हो रही परेशानी को देखते हुए, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए विलंबित और संशोधित ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है. CBDT के ट्विटर हैंडल के मुताबिक, यह ऑर्डर सेक्शन 119(2a) के तहत जारी किया गया है.
जो लोग समय पर ITR फाइल करने में असफल रहे हैं, उनके लिए पहले आखिरी तारीख 31 मार्च 2020 थी जिसे बाद में बढ़ाकर 30 जून 2020 और दोबारा 31 जुलाई 2020 कर दिया गया था. इसके बाद फिर इसे आगे करके 30 सितंबर कर दिया गया. अब CBDT ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए विलंबित और संशोधित ITR प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर से आगे बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 किया है.
टैक्सपेयर्स के साथ I-T विभाग को भी फायदा
नांगिया एंड को LLP के पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए विस्तार देने की उम्मीद पहले से थी. एक ओर, इससे बताए गए वित्तीय वर्ष के लिए टैक्स भुगतान और आईटीआर फाइल करने के लिए अतिरिक्त समय मिलता है. दूसरी तरफ, इससे इनकम टैक्स विभाग को अपने कैंपेन के साथ आगे बढ़ने के लिए अतिरिक्त समय मिलता है. यह कैंपेन उन टैक्सपेयर्स को ITR फाइल कराना है, जिनके मामले में कुछ निश्चित ट्रांजैक्शन की पहचान और रिपोर्ट हुए हैं. हाल ही में, इनकम टैक्स विभाग ऐसे टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने की रिक्वेस्ट के लिए एसएमएस और ई मेल भेज रहा था.
ITR फाइल नहीं करने पर जुर्माना
अगर आपसे भी तारीखें छूट गई थीं, तो आखिरी डेट को आगे बढ़ाने से आपको भी फायदा पहुंचेगा. इनकम टैक्स कानूनों के तहत आईटीआर फाइल करना हर उस टैक्सपेयर के लिए अनिवार्य है, जिसकी इनकम टैक्स के दायरे में आती है. ऐसे टैक्सपेयर द्वारा आईटीआर फाइल नहीं करने पर जुर्माना लगता है. अगर टैक्स को TDS के जरिए कलेक्ट कर भी लिया गया है, तो सैलरी पाने वाले कर्मचारी के लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य होता है. इसलिए, अगर कोई भी व्यक्ति आखिरी तारीख तक आईटीआर प्रस्तुत कर नहीं पाता, तो जुर्माना लगता है और व्यक्ति को दंड मिलता है.