ITR

Tax Planning: टैक्स सेविंग्स के लिए ELSS में निवेश क्यों है बेस्ट? ये 6 फैक्टर देंगे आपके सवालों के जवाब

ELSS Investment: टैक्‍सपेयर्स इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत मिले प्रावधानों के तहत, हमेशा अपना टैक्स बचाने के उपाय करते हैं. इस सेक्शन के तहत टैक्‍स बचाने के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. लेकिन इनमें से किसी एक बेस्ट तरीके का चुनाव करना टैक्सपेयर्स के लिए आसान नहीं होता है. निवेश के जो ये विकल्प हैं, उनमें से कुछ तो फिक्स्ड रिटर्न देते हैं. जबकि कुछ मार्केट से जुड़े रिटर्न की पेशकश करते हैं.

अधिकतम 46,800 रुपए की बचत

इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत एक व्‍यक्ति एक वित्‍त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश कर मौजूदा टैक्स नियमों (4 फीसदी एजुकेशन सेस के साथ) के साथ हर साल 46,800 रुपए का वास्‍तविक टैक्स बचत का लाभ प्राप्‍त कर सकता है. यहां ऊपर बताए गए 46,800 रुपए की टैक्स बचत का कैलकुलेशन हाइएस्ट टैक्स ब्रैकेट यानी 30 फीसदी पर की गई है.

ELSS अच्छा विकल्प

मार्केट लिंक्‍ड विकल्‍पों की बात करें तो इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स स्‍कीम (ईएलएसएस) बेहतर है. ईएलएसएस एक इक्विटी म्‍यूचुअल फंड कटेगिरी है, जिसमें निवेश पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. वर्तमान टैक्‍स नियमों के मुताबिक, पात्र निवेशक (व्‍यक्ति/एचयूएफ) आयकर कानून, 1961 की धारा 80सी के तहत इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम (ईएलएसएस) में 1,50,000 रुपए तक के निवेश (अन्‍य निर्धारित निवेश के साथ) राशि को अपनी सकल कुल आय में से घटाने के हकदार होते हैं.

निवेश पर टैक्स के बारे में

टैक्स पर मौजूदा 4 फीसदी एजुकेशन सेस को जोड़कर, हर साल 1.5 लाख रुपये पर टैक्स की बचत 31.2 फीसदी या 46,800 रुपए होगी. इस पर लांग टर्म कैपिटल गेन और डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्‍स का भी भुगतान करना होगा. टैक्स बेनेफिट इनकम टैक्स एक्ट 1961 के प्रावधानों और समय-समय पर इनमें होने वाले संशोधनों पर निर्भर करता है. हालांकि यहां इस बात का ध्‍यान रखना आवश्‍यक है कि ईएलएसएस में निवेश के जरिए टैक्स की बचत केवल तभी संभव है, जब टैक्सपेयर टैक्‍स दर की मौजूदा व्‍यवस्‍था का चुनाव करता है. टैक्‍स दर की नई व्‍यवस्‍था में करदाता को किसी भी प्रकार की कटौती का लाभ नहीं मिलता है.

क्यों बेस्ट है ELSS में निवेश

1. ईएलएसएस में निवेश की बात करें तो इसमें से कम से कम 80 फीसदी एक्सपोजर इक्विटी में होना चाहिए. यह टेक्निकली 100 फीसदीत तक हो सकता है. ईएलएसएस में सभी मार्केट कैप में निवेश करने की फ्लेक्सिबिलिटी भी है. जो इसे इक्विटी फंड्स के बीच एक यूनिक प्रोडक्ट बनाता है.

2. इसके अलावा, ईएलएसएस में निवेश के लिए सबसे कम 3 साल का लॉक-इन पीरियड है, वहीं इसके विपरीत अन्‍य टैक्स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट्स में 5 साल का लॉक-इन पीरियड आम बात है. 3 साल के लॉक-इन का मतलब है कि आप खरीद की तारीख से 3 साल पूरा होने से पहले खरीदी गई यूनिट्स को बेच नहीं सकते हैं.

3. म्‍यूचुअल फंड में सिस्‍टेमैटिक इनवेस्‍टमेंट प्‍लान (एसआईपी) के माध्‍यम से निवेश को सुविधाजनक बनाया गया है. टैक्स सेविंग्स के लिए 1.5 लाख की बात करें तो इसमें प्रति माह 12,500 रुपए के साथ सालभर निवेश किया जा सकता है. हालांकि, प्रत्‍येक एसआईपी किस्‍त के लिए लॉक-इन अवधि अलग-अलग होती है, जिसका मतलब है कि प्रत्‍येक मासिक एसआईपी 3 साल की अवधि के लिए लॉक रहती है.

4. ईएलएसएस का चयन टैक्‍स बचाने के विकल्‍प के रूप में करने का एक और कारण है कि ये हाई रिटर्न देते हैं. इक्विटी में निवेश प्रभावी रूप से बेहतर रिटर्न प्रदान करता है जो नियमित रूप से महंगाई दर से अधिक होता है. वहीं इसके विपरीत अधिकांश निश्चित रिटर्न वाले टैक्‍स सेविंग विकल्‍प जैसे पीपीएफ, 5 साल की एफडी, एनएससी आदि मुश्किल से मुद्रास्‍फीति से अधिक रिटर्न देने में सफल होते हैं. इतना ही नहीं, पिछले एक दशक में ऐसे टैक्‍स सेविंग उत्‍पादों से मिलने वाला निश्‍चित रिटर्न घटा है, जिससे इनके प्रति आकर्षण भी कम हो रहा है।

5. ईएलएसएस में निवेश पर होने वाला लाभ और रिडम्‍पशन से प्राप्‍त राशि भी पूरी तरह टैक्‍स मुक्‍त होती है. ईएलएसएस बेहतर पोस्‍ट-टैक्‍स रिटर्न प्रदान करता है, क्‍योंकि ईएलएसएस म्‍यूचुअल फंड से एक साल में प्राप्‍त होने वाला 1 लाख रुपए तक का दीर्घावधि पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) को आयकर से छूट प्राप्‍त है. इस सीमा से अधिक लाभ पर 10 फीसदी की दर से टैक्‍स देय होता है. पीपीएफ को छोड़कर अन्‍य टैक्‍स बचत वाले विकल्‍पों से प्राप्‍त होने वाले लाभ पर आंशिक या पूरा टैक्‍स देना होता है.

6. ईएलएसएस में टैक्स सेविंग के साथ दौलत बढ़ाने की विशेषता इसे सभी निवेशकों के लिए एक उपयुक्‍त और बेहतर पहला इक्विटी निवेश विकल्‍प बनाता है. पहली बार निवेश करने वालों को अनिवार्य लॉक-इन से फायदा होता है और टैक्‍स बचत से इनसेंटिव मिलता है.

सारांश: अनुभवी निवेशक अपने वित्‍तीय लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए अपने इनवेस्‍टमेंट पोर्टफोलियो में ईएलएसएस को शामिल कर लाभ उठा सकते हैं. कुल मिलाकर, करदाता अपने आयकर दायित्‍व को कम करने, म्‍यूचुअल फंड निवेश का अनुभव लेने और संपत्ति निर्माण के लिए ईएलएसएस के विभिन्‍न फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top