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बिक रहा है देश ये प्राइवेट बैंक, क्या होगा अब ग्राहकों का

मुंबई. क्लिक्स ग्रुप संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक को खरीदने जा रहा है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्लिक्स ग्रुप ने इसको लेकर नॉन-बाइंडिंग ऑफर पेश किया है. लक्ष्मी विलास बैंक ने कहा है कि उसे क्लिक्स ग्रुप से इंडिकेटिव नॉन-बाइंडिंग ऑफर मिला है.

अंग्रेजी के बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स को सूत्रों ने बताया कि इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो सकता है. इससे लक्ष्मी विलास बैंक की स्थिति जल्द ठीक होने की उम्मीद जगी है.बैंक को अभी 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत है, जिसमें से 500-700 करोड़ रुपये उसे बिजनेस के विस्तार के लिए चाहिए. टीयर-I कैपिटल नकारात्मक होने की वजह से बैंक सिर्फ गोल्ड लोन और सरकारी गारंटी वाले एमएसएमई कर्ज दे रहा है.

अंग्रेजी के बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स को सूत्रों ने बताया कि इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो सकता है. इससे लक्ष्मी विलास बैंक की स्थिति जल्द ठीक होने की उम्मीद जगी है.

अब क्या होगा ग्राहकों का- बैंक ने अपने ग्राहकों को भरोसा दिया है कि मौजूदा संकट का उनकी बैंक में जमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बैंक ने कहा, 262 फीसदी के तरलता सुरक्षा अनुपात (एलसीआर) के साथ जमाकर्ता, बांडधारक, खाताधारक और लेनदारों की संपत्ति पूरी तरह सुरक्षित है. आरबीआई की ओर से एलसीआर का तय मानक 100 फीसदी होता है, जबकि बैंक के पास इससे ढाई गुना ज्यादा आरक्षित पूंजी है. बैंक की संचालन समिति आगे जो भी फैसला करेगी, उसे सार्वजनिक किया जाएगा.

स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बैंक ने कहा, अभी क्लिक्स कैपिटल सर्विसेज, क्लिक्स फाइनेंस इंडिया, क्लिक्स हाउसिंग फाइनेंस (क्लिक्स ग्रुप) के साथ विचार विमर्श और विश्लेषण की प्रक्रिया जारी है. बैंक को यह बताने में बेहद खुशी हो रही है कि समूह ने इंडिकेटिव नॉन-बाइंडिंग ऑफर पेश किया है.

पिछले महीने बैंक के शेयरधारकों ने बैंक के सीईओ और दो प्रमोटर निदेशकों समेत छह निदेशकों को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बाद बैंक ने नई टीम का गठन किया है, जो विलय की बातचीत आगे बढ़ा रही है.

निदेशकों की नई समिति को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी हासिल है. हालांकि, अभी तक किसी नए सीईओ की नियुक्ति नहीं हुई है. यह समिति 500-700 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू भी पेश कर सकती है.फंड जुटाने और विलय की सह-समिति में तीन बोर्ड सदस्य हैं. इसमें आंध्रा बैंक के पूर्व एमडी सतीश कुमार कालरा, प्रमोटर निदेशक जी सुधाकर गुप्ता और कई निजी बैंकों में काम कर चुकी मीता माखन शामिल हैं.

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