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क्या होती हैं ESG स्कीम; म्यूचुअल फंड कंपनियों को क्यों पसंद आ रहा है ये आइडिया, जानें सबकुछ

ESG Mutual Fund: कुछ इस म्यूचुअल फंड कंपनियों को ESG थीम पसंद आ रहा है. इस साल कुछ कंपनियों ने ईएसजी फंड बाजार में लांच किया है. ईएसजी असल में एनवायरमेंटल, सोशल और कॉरपोरेट गवर्नेंस का संक्षिप्त रूप है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि ईएसजी में निवेश का मतलब उन कंपनियों के शेयरों का पोर्टफोलियो बनाने से हैं जो एनवायरमेंटल, सोशल और कॉरपोरेट गवर्नेंस संबंधी ऊंचे मानकों को पूरा करती हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि जिन कंपनियों का मैनेजमेंट इन सिद्धांतों को अपनाता है, उसमें भविष्य में कमाई बढ़ाने की क्षमता होती है और साथ ही उनमें वित्तीय जोखिम भी कम होता है. SBI मैगनम इक्विटी ESG, एक्सिस ESG और क्वांटम इंडिया ESG इक्विटी फंड ऐसी ही कुछ स्कीम हैं.

ESG रिसर्च की 3 कटेगिरी

ईएसजी रिसर्च में लगी अनुसंधान और परामर्श कंपनियां विभिन्न ईएसजी फैक्टर्स के आधार पर सूचनाएं एकत्र करती हैं, फिर उनका विश्लेषण करती हैं और उसके बाद अपनी रेटिंग या सिफारिश उपलब्ध करती हैं. ईएसजी रिसर्च को 3 कटेगिरीज में बांट सकते हैं.

एनवायरमेंटल

जलवायु परिवर्तन, काबर्न उत्सर्जन, कार्बन फूटप्रिंट, जलवायु परिवर्तन नियम-कायदों में बदलाव का असर.
प्राकृतिक संसाधनः रॉ मटेरियल (उसके स्रोत सहित), जल प्रबंधन, भूमि का इस्तेमाल.
प्रदूषणः टॉक्सिक एमिशन, कचरा प्रबंधन, पैकेजिंग आदि.
अवसरः रिन्यूबल एनर्जी पर जोर (जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि), ग्रीन बिल्डिंग.

सोशल

मानव संसाधनः लेबर इश्यू और मैनेजमेंट, पेशेगत स्वास्थ्य, सेफ्टी स्टैंडर्ड, सप्लायर्स का लेबर स्टैंडर्ड
उत्पादः उत्पाद की गुणवत्ता, उत्पाद की सुरक्षा, वित्तीय उत्पादों की सुरक्षा, डेटा की निजता और सुरक्षा, पर्यावरण अनुकूल उत्पाद.
स्टेक होल्डर: सप्लायर्स और ग्राहकों के साथ रिश्ता

कॉरपोरेट गवर्नेंस

स्वामित्व और प्रबंधन नियंत्रण, माइनॉरिटी स्टेकहोल्डर्स की सुरक्षा, बोर्ड डायरेक्टर्स की संरचना,
अकाउंटिंग स्टैंडर्ड और प्रैक्टिस, फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल डिसक्लोजर, कॉरपोरेट विहेबियर

क्यों ये कंपनियों कर सकती हैं अच्छा प्रदर्शन

उन उत्पादों या कारोबार के लिए, जिनमें नियामक की मंजूरी की जरूरत होती है, बेहतरीन ईएसजी ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियां आसानी से मंजूरी हासिल कर सकती हैं. इसकी वजह से वे बाजार में ज्यादा तेजी से प्रोडक्ट लाने में सक्षम होंगी. ऐसी कंपनियों को ग्राहकों के रिश्ता बेहतर करने का मौका मिलता है और उनकी अच्छी ब्रांडिंग होती है. लागत में दक्षता और बेहतरीन ऑपरेटिंग मार्जिन का उन्हें फायदा मिलता है. वहीं, उनकी उत्पादकता भी बेहतरीन होती है. ऐसी कंपनियां प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाये रखने में सक्षम होती हैं.

निवेश पर बेहतरीन रिटर्न

जो कंपनियां स्स्टेनेबल एसेट्स में निवेश करती हैं (जैसे प्लांट, उपकरणों, उत्पादों, तकनीक आदि) वे लांग टर्म में अपनी पूंजी को ज्यादा प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर पाती हैं. वे ऐसे निवेश से बच सकते हैं जिनसे पर्यावरणीय मसलों और नियामक बदलावों की वजह से रिटर्न मिलने की संभावना न हो. ऐसे में जो कंपनियां ईएसजी को अपनाती हैं, उनकी कमाई में आगे सस्टेनेबल ग्रोथ की उम्मीद बढ़ जाती है.

किसे लगाना चाहिए पैसा

मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के हेड (प्रोडक्ट) वैभव शाह का कहना है कि भारत में ईएसजी फंड बहुत शुरुआती दौर में हैं, लेकिन फ्यूचर बेहतर दिख रहा है. अगर निवेशकों का नजरिया अगर लांग टर्म का है तो वे इस तरह के फंड में निवेश कर सकते हैं. ये फंड बाजार के मुश्किल वाले दौर में अन्य इक्विटी श्रेणियों के मुकाबले कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं. हालांकि, निवेशकों को पैसा लगाने के पहले सबसे पहले अपने व्यक्तिगत जोखिम प्रोफाइल और वित्तीय लक्ष्य का सही आकलन कर लेना चाहिए और इन फंडों में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकारों की मदद लेनी चाहिए.

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