ITR

ITR-V में बदलाव से न हों परेशान, Income Tax Acknowledgement भी है आपका आईटीआर प्रूफ

Income Tax Return: प्रोफेशनल या अन्य ऐसे लोग जिन्हें रेगुलर सैलरी नहीं मिलती है, वे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को इनकम प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इनकम प्रूफ दिखाने की जरूरत लोन के लिए आवेदन करने, इंश्योरेंस कवर लेने और संपत्ति या अन्य कीमती एसेट्स खरीदने के लिए इनकी जरूरत पड़ती है. नियमित तौर पर आईटीआर फाइल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपकी नियमित आय के बारे पता चलता है. आईटीआर में दिए गए एसेसमेंट ईयर में इनकम पर चुकाए गए टैक्स की जानकारी होती है.

ई-फाइलिंग शुरू होने के बाद इनकम प्रूफ के तौर पर ITR-V

आईटीआर की ई-फाइलिंग शुरू होने के बाद से ही आईटीआर वेरिफिकेशन फॉर्म (ITR-5) को रिटर्न फाइल करने के प्रमाण के रूप में प्रयोग किया सकता था, चाहे इसे हस्ताक्षर करके सीपीसी बंगलूरु भेजा गया हो या इलेक्ट्रॉनिकली आधार ओटीपी, ईवीसी या नेट बैंकिंग के जरिए वेरिफाइड न किया गया हो तो भी.
इसके बाद आयकर रिटर्न पावती को लाया गया जिसे इनकम के वेरिफाइड रिटर्न का प्रमाण माना जाने लगा. इसके बावजूद आईटीआर-5 अभी भी आईटीआर प्रूफ माना जाता रहा क्योंकि दोनों में कुछ खास फर्क नहीं था.

पिछले साल बदला ITR-V का बदला नियम

पिछले साल अनवेरिफाइड आईटीआर-5 को इनकम रिटर्न फाइल के प्रमाण के तौर पर पेश करने से रोकने के लिए दस्तावेज के अंत में एक वाक्य लिखा जाने लगा. यह वाक्य है, ‘This is not a proof for having filed the Return’ (यह रिटर्न फाइल करने का प्रमाण नहीं है). इसे आईटीआर प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल होने से रोकने के लिए इनकम, डिडक्शंस, टैक्स इत्यादि की जानकारी हटा दी गई. इसमें अब नाम, पैन, पावती नंबर की जानकारी के अलावा जिस सेक्शन नंबर के तहत रिटर्न फाइल हुआ है, उसकी भी जानकारी रहती है. अब से आईटीआर-5 तभी आय के प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, जब वह वेरिफाइड हो.

आयकर रिटर्न पावती भी माना जाएगा इनकम प्रूफ

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस पहल पर कई लोगों की शिकायत है कि अब उन्हें थर्ड पार्टी के पास इनकम प्रूफ के तौर पर पूरा आईटीआर दिखाना होता है, जबकि पहले यह काम सिर्फ आईटीआर-5 से ही हो जाता था. हालांकि वर्चुअल कंप्लायंस के फाउंडर सीए गीतांशु भल्ला इस शिकायत को आधारहीन मानते हैं. उनका कहना है कि अभी भी पूरा आईटीआर देने की जरूरत नहीं है बल्कि यह काम आयकर रिटर्न पावती (Income Tax Return Acknowledgement) से भी हो जाएगा. इसमें और आईटीआर-5 में खास फर्क नहीं है. भल्ला का मानना है कि जल्द ही थर्ड पार्टीज पासपोर्ट ऑफिस, फॉरेन एंबेसीज, फाइनेंसिंग कंपनीज, बैंक, स्कूल्स के अलावा अन्य थर्ड पार्टीज में आईटीआर नॉलेजमेंट मांगा जा सकता है.

डिटेल्स फाइल करते समय सावधानी रखें

भल्ला का कहना है कि अब डिटेल्स फाइल करते समय अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि वेरिफिकेशन के दौरान आईटीआर-5 पर फिगर्स नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि रिटर्न वेरिफाई करते समय कोई भी संदेह होने की स्थिति में इनकम टैक्स के पोर्टल पर पीडीएफ के रूप में अपलोडेड फाइल देख सकते हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top