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अब पहले की तरह नहीं रहेगा Amazon, Netflix जैसे OTT का एक्सपीरिएंस, हुआ ये बदलाव

नेटफ्लिक्स (netflix) या अमेज़न (amazon) जैसे OTT (Over the Top) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर अब आपका अनुभव पहले की तरह नहीं रहेगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने OTT प्लेटफॉर्म पर दिखाए जा रहे डिजिटल ऑडियो विजुअल कॉन्टेंट और वेब शो को अपने दायरे में ले लिया है. इसके साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के न्यूज और करेंट अफेयर्स भी अब सरकार के दायरे में होगा. सरकार ने बुधवार को एक गैजेट जारी करके इसे नोटिफाई किया है.

आम लोगों के लिए इस बदलाव के मायने ये हैं कि अब नेटफ्लिक्स जैसे OTT प्लेटफॉर्म पर सेंसर लागू होगा. इस साल सितंबर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की तरफ से जारी सेल्फ रेगुलेशन कोड को सपोर्ट करने से इनकार कर दिया था. करीब 15 वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स अभी देश में काम कर रहे हैं.

इन OTT प्लेटफॉर्म्स ने इस महीने की शुरुआत में IAMAI के तहत  सेल्फ रेगुलेशन कोड पर साइन किया था. सेंसरशिप या सरकारी दखल के बजाय OTT कंपनियों ने सरकार के कहने पर एक फ्रेमवर्क बनाया था ताकि सही कॉन्टेंट ही दर्शकों तक पहुंचे. इस कोड में दर्शकों की शिकायतों के निपटारे का भी मैकेनिज्म था. इसके लिए कंज्यूमर कंप्लेन डिपार्टमेंट या एडवाइजरी पैनल बनाने की बात कही गई थी. इस पैनल के सदस्यों में बच्चों के अधिकारों, जेंडर इक्वालिटी के लिए काम करने वाले इंडिपेंडेंट लोग शामिल हो सकते हैं.

Central Government set to regulate digital platforms, OTTs such as Netflix, AmazonPrimeVideo, as well as online news & current affairs.Govt amends rules to bring digital media under the Information & Broadcasting Ministry. @CNBC_Awaazpic.twitter.com/j2hXmXAO9M— Aseem Manchanda (@aseemmanchanda) November 11, 2020

इस में जो OTT प्लेटफॉर्म शामिल होंगे उनमें नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, डिज्नी + हॉटस्टार, ALT बालाजी, ZEE5, Arre, डिस्कवरी +, इरोज नाउ, फ्लिकस्ट्री (Flickstree), होईचोई (Hoichoi), हंगामा, MX प्लेयर, शेमारू, VOOT, Jio सिनेमा, सोनीLiv और Lionsgate  play शामिल है.

मंत्रालय ने कहा था, ‘इंडस्ट्री ने जो सेल्फ रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाया है उसमें प्रोहिबिटेड कॉन्टेंट का कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है.’ मिनिस्ट्री ने कहा कि IAMAI ने पहले दो लेयर वाले स्ट्रक्चर की सिफारिश की थी, लेकिन मिनिस्ट्री को यह पसंद नहीं आया. इसके बाद आज सरकार ने गैजेट जारी करके इन्हें अपने दायरे में ले लिया है.

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