FINANCE

Index Fund: कम खर्च और कम जोखिम, लेकिन रिटर्न मिलेगा हाई; क्या है इस फंड की खासियत, किसके लिए बेस्ट

What is Index Fund: इक्विटी निवेश की बात करें तो इसमें आमतौर पर प्राइस में अस्थिरता होती है. इसमें एनालिटिकल  यानी विश्लेषण के बाद बेहतर विकल्पों में निवेश की जरूरत होती है, साथ ही निवेश के बाद इसे समय समय पर ट्रैक करना जरूरी है. कह सकते हैं कि इक्विटी मार्केट में जोखिम ज्यादा होता है. लेकिन जोखिम लेना हर निवेशक को पसंद नहीं होता है, इसलिए इंडेक्स फंड निवेशकों की समस्या को दूर कर सकता है. इंडेक्स फंड एक रिस्क फ्री और लो कास्ट इन्वेस्टमेंट माना जाता है. यहां हाई रिस्क और ज्यादा प्रयास करने वाली समस्याएं नहीं होती है. यहां निवेशक कम लागत पर आसानी से इक्विटी निवेश कर सकते हैं. आइये देखते हैं कैसे….

इंडेक्स और इंडेक्स फंड क्या हैं?

इंडेक्स: इंडेक्स वेटेज एवरेज कंपोजिट स्कोर होता है जो स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन को ट्रैक करता है.  इसका कैलकुलेशन चुनिंदा शेयरों के स्टॉक प्राइस का उपयोग करके की जाती है जो किसी तरह से बाजार के रीप्रेजेंटेटिव होते हैं. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी इसके उदाहरण हैं.

इंडेक्स फंड: इंडेक्स म्यूचुअल फंड या ‘इंडेक्स फंड्स’, म्यूचुअल फंड्स की एक कटेगिरी है, जिसे पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं. और इस तरह ये पैसिवली मैनेज्ड फंड होते हैं. चूंकि फंड मैनेजर सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्स के एसेट एलोकेशन की तर्ज पर चलता है, इसलिए फंड के द्वारा कोई निवेश की रणनीति नहीं होती है. एकमात्र शर्त यह है कि निवेश का कम से कम 95 फीसदी की सिक्योरिटीज में होना चाहिए.

इंडेक्स फंड की खासियत

एक्टिवली मैनेज्ड फंड या सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों के विपरीत इंडेक्स फंड मॉडरेट रिस्क यानी मध्यम जोखिम निवेश हैं. एक्टिवली मैनेज्ड फंड द्वारा बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने वाली रणनीति फालो की जाती है, जिससे वे ज्यादा रिस्क लेते हैं. इससे आपके पोर्टफोलियो में भी हाई रिस्क वाले निवेश शामिल होते हैं. इसके विपरीत, इंडेक्स फंड का रिटर्न उस अंडरलाइंग इंडेक्स से जुड़ा होता है जिसे ट्रैक किया जा रहा है.

इंडेक्स फंड की एक और खासियत है कि इसमें एक्सपेंस रेश्यो कम होता है. यानी आपे निवेया की लागत कम होती है. इस तरह से ये सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों की तुलना में कम खर्चीले विकल्प होते हैं. सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों रेगुलेशन के अनुसार, इंडेक्स फंड के लिए एक्सपेंस रेश्यो डेली नेट एसेट के 1 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है.

एक्सचेंज पर इंडेक्स फंड का कारोबार नहीं होता है, इसलिए, नियमित फंडों की तुलना में इंडेक्स फंड्स की लिक्विडिटी कम है. हालांकि, वे ओपन-एंडेड योजनाएं हैं, जिसका अर्थ है कि आप हमेशा अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को म्यूचुअल फंड में वापस बेच सकते हैं और किसी भी समय अपने पैसे को भुना सकते हैं.

इंडेक्स फंड में किसे निवेश करना चाहिए

इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए सबसे उपयुक्त हैं जो इक्विटी में निवेश कर लंबी अवधि में  सामान्य से अधिक रिटर्न चाहते हैं, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि इंडेक्स फंड का कोई जोखिम नहीं है. अगर बाजार नीचे जाता है, तो आपका इंडेक्स फंड एनएवी भी नीचे जाएगा. ऐसे में बाजार गिरना शुरू होने से पहले आप अपने इंडेक्स फंड निवेश को भुना सकते हैं और पैसे को उेट फंड, गोल्ड या टर्म डिपॉजिट में शिफ्ट कर सकते हैं.

किन बातों का रखें ध्यान

इंडेक्स फंड में निवेश करते समय, आपको यह देखना चाहिए कि ट्रैकिंग एरर क्या है, जो इंडेक्स फंड के रिटर्न और मार्केट रिटर्न के बीच अंतर है. यह कम होना चाहिए. इसके अतिरिक्त, ऐसे इंडेक्स फंड चुनें जिनमें एक्सपेंस रेश्यो 1 फीसदी से कम हो. जब आप कम खर्च वाले निवेश विकल्प चाहते हैं तो इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प हैं. आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में रिकवरी के साथ इन फंडों का रिटर्न भी बढ़ेगा.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top