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Income Tax Return filing: रिटर्न फाइल करते समय रखें ध्यान, इस बार फॉर्म में आए हैं बड़े बदलाव

ITR: असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए आईटीआर (Income Tax Return) को फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है और जिनके अकाउंट्स का ऑडिट नहीं हुआ है, उनके लिए यह 31 जनवरी 2021 है. इस बार आईटीआर फॉर्म्स में कुछ बड़े बदलाव हुए हैं जैसे कि रिपोर्टिंग रिक्वायरमेंट्स, टैक्स डिडक्शंस और कुछ ऐसे बदलाव भी हैं जिन्हें पिछले साल पेश किए गए बजट में बताया गया था. टैक्सपेयर्स को असेसमेंट ईयर 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) के लिए आईटीआर फाइल करते समय इन बदलावों पर जरूर ध्यान दें.

  • 2019 के बजट में पैन और आधार को लगभग एक समान (इंटरचेंजिबिलिटी) मान लिया गया. इसका मतलब यह हुआ कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वे आधार नंबर को भी आईटीआर में भर सकते हैं, जहां भी पैन नंबर भरना है. जैसे कि किसी अचल संपत्ति के खरीदार, हाउस प्रापर्टी से होने वाली आय जैसे मामलों में आधार नंबर को भी स्वीकार कर लिया गया है.
  • इसके अलावा आईटीआर फाइलिंग में एक और अहम बदलाव आया है कि अब उनके लिए भी फाइलिंग अनिवार्य कर दिया गया है, जिनकी ग्रास टोटल इनकम बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट से कम है. नीचे कुछ क्राइटेरिया दिए गए हैं और इनकी ग्रॉस टोटल इनकम बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट से कम होने पर भी आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है.
    – एक या एक से अधिक चालू खाते में कुल 1 करोड़ या उससे भी अधिक राशि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जमा कराया है.
    – किसी विदेशी यात्रा पर खुद या किसी और शख्स के लिए 2 लाख से अधिक खर्च किया हो.
    – वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिजली की खपत पर 1 लाख रुपये से अधिक खर्च किया हो.
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 केंद्र सरकार ने टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट्स के लिए 31 जुलाई 2020 तक का समय दिया था. आईटीआर में एक शेड्यूल डीआई के तहत इन सभी निवेश और क्लेम डिडक्शन की डिटेल्स देनी है. इसी प्रकार आईटीआर में सेक्शन 54 से सेक्शन 54बी के तहत 30 सितंबर तक निवेश पर कैपिटल गेन्स एग्जेंप्शंस की जानकारी देनी है.
  • आईटीआर में उस कंपनी के भी नाम का खुलासा करना है, जिसमें इंडिविजुअल किसी अनलिस्टेड इक्विटी का डायरेक्टर या शेयरहोल्डर है.
  • आईटीआर में रोजगार को लेकर कई कैटेगरी है जैसे कि आप सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं या स्टेट गवर्नमेंट के. इसी तरह इसमें एक और कैटेगरी है ‘नॉट एप्लिकेबल’ की, इसका अर्थ होगा फैमिली पेंशन.
  • 5 लाख तक की आय के लिए सेक्शन 87ए के तहत इनकम टैक्स रीबेट की सीमा बढ़ाकर 12,500 कर दी गई है. इसी प्रकार उन रेडिजेंट को भी 12,500 का टैक्स रीबेट मिलेगा, जिनकी सभी डिडक्शंस और एग्जेंप्शंस के बाद टोटल इनकम 5 लाख से अधिक नहीं है. इससे पहले यह रीबेट 3.5 लाख रुपये तक की आय के लिए 2,500 रुपये था. 2.5 लाख रुपये से अधिक की आय पर आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है. इसे तब भी फाइल करना है, अगर रीबेट मिलने के बाद टैक्स देनदारी शून्य हो जाती है.
  • असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए सैलरी से होने वाली आय पर स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है.
  • असेसमेंट ईयर 2020-21 में हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय को घोषित करते समय इंडिविजुअल दो संपत्ति को खुद के द्वारा प्रयोग किया हुआ दिखा सकता है. पिछले एसेसमेंट इयर 2019-20 में अगर किसी इंडिविजुअल के पास अगर कोई दूसरा घर होता था तो उसे उस घर के लिए नोशनल रेंट पर टैक्स चुकाना पड़ता था.
  • 2019 में पेश किए गए बजट में सेक्शन 54 के तहत कैपिटन गेन एग्जेंप्शंस में भी बदलाव किया गया है. अब एक की बजाय दो आवासीय संपत्तियों के निर्माण या खरीद के लिए डिडक्शन का क्लेम किया जा सकता है. हालांकि इसके शर्त यह भी जुड़ी है कि इस का फायदा जिंदगी में एक ही बार लिया जा सकता है और लांग टर्म कैपिटल गेन 2 करोड़ से कम होना चाहिए.
  • सेक्शन 80ईईए के तहत पहली बार घर खरीदने पर एडीशनल इंटेरेस्ट डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए स्टांप वैल्यू की अधिकतम सीमा 45 लाख रुपये तय की हुई है. इसके तहत किसी भी वित्तीय संस्थान से लिए कर्ज पर 1.5 लाख तक के डिडक्शन का दावा किया जा सकता है. इसी प्रकार इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर लिए गए कर्ज पर भी इंटेरेस्ट डिडक्शन क्लेम का प्रावधान किया गया है.
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