HEALTH

Covid-19 Vaccine: सरकार का कोरोना वैक्सीन पर बड़ा बयान- देश में सभी लोगों का टीकाकरण करने को लेकर कभी नहीं कहा

Covid-19 Vaccine Update: केंद्र ने कहा कि देश की पूरी आबादी का कोविड-19 वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने को लेकर कभी कोई बात नहीं की गई है.

केंद्र ने कहा कि देश की पूरी आबादी का कोविड-19 वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने को लेकर कभी कोई बात नहीं की गई है.

Covid-19 Vaccine Update: केंद्र सरकार ने आज कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक मुख्य बात कही है. केंद्र ने कहा कि देश की पूरी आबादी का कोविड-19 वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने को लेकर कभी कोई बात नहीं की गई है. प्रेस के साथ बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के टीकाकरण की मुहिम का मकसद वायरल ट्रांसमिशन की चैन को तोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य वायरस के ट्रांसमिशन की चैन को तोड़ना है. अगर वे लोगों के एक बड़ी संवेदनशील संख्या के लोगों का टीकाकरण करके ट्रांसमिशन की चैन को तोड़ पाते हैं, तो उन्हें पूरी जनसंख्या का टीकाकरण करने की जरूरत नहीं हो सकती है.

मास्क का रोल बेहद महत्वपूर्ण: भार्गव

भार्गव ने कहा कि मास्क का रोल बेहद महत्वपूर्ण है और यह टीकाकरण के बाद भी जारी रहेगा. क्योंकि वे एक समय पर जनसंख्या के छोटे समूह से शुरू कर रहे हैं. और इसलिए मास्क सुरक्षा करेंगे और इस्तेमाल करना जारी रहेगा जिससे वायरल ट्रांसमिशन की चैन को तोड़ने में मदद मिल सके.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश की पूरी आबादी को कोविड-19 वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने की कभी कोई बात नहीं थी. भूषण ने कहा कि वह केवल यह साफ करना चाहते हैं कि सरकार ने पूरे देश का टीकाकरण करने के बारे में कभी कोई बात नहीं की है. यह महत्वपूर्ण है कि हम इन वैज्ञानिक मामलों पर केवल तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर चर्चा करें और फिर इसका विश्लेषण करें.

भारत में रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू

वहीं, डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट ने मंगलवार को एलान किया कि वह कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक वी के भारत में फेज 2/3 क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत कर रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिए हिमाचल प्रदेश के कसौली में स्थित केंद्रीय ड्रग्स लेबोरेटरी से जरूरी क्लियरेंस मिल गया है. भारतीय ड्रग कंपनी ने बयान में कहा कि यह एक मल्टीसेंटर और नियंत्रित स्टडी होगी जिसमें सुरक्षा शामिल होगी. इन क्लीनिकल ट्रायल को JSS मेडिकल रिसर्च क्लीनिकल रिसर्च पार्टनर के तौर पर संचालित कर रही है.

यूरोप में 29 दिसंबर को होगा पहली वैक्सीन पर फैसला

दूसरी तरफ, यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी 29 दिसंबर को बैठक करके इस बारे में फैसला लेगी कि क्या Pfizer और BioNTech द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा और क्षमता को लेकर पर्याप्त डेटा है जिससे उसे मंजूरी दी जा सके. नियामक ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एजेंसी ने मंगलवार को यह भी कहा कि वह 12 जनवरी को यह भी फैसला कर सकती है कि प्रतिद्वंद्वी Moderna इंक द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन को विकसित किया जाए या नहीं.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top