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One Nation, One Ration Card: 9 राज्यों ने शुरू किया ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’, यहां देखें पूरी सूची

One Nation, One Ration Card: सरकार की नई योजना के तहत सबसे अधिक कर्ज उत्तर प्रदेश को मिल सकता है.

Nine states implemented One Nation One Ration Card system including uttar pradesh kerala gujrat to avail additional borrowing

देश में अब तक नौ राज्यों ने वन राष्ट्र, एक राशन कार्ड की व्यवस्था शुरू कर दी है. इस व्यवस्था के शुरू करने के बाद केंद्र सरकार ने 23,523 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड लेने की मंजूरी दे दी है. इससे जुड़ा ऑफिसियल रिलीज बुधवार को वित्त मंत्रालय ने जारी किया. जिन राज्यों ने सफलतापूर्वक पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) रिफॉर्म्स को लागू किया है, उनमें आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश हैं.
केंद्र सरकार की अतिरिक्त कर्ज वाले विंडो का फायदा उठाने के लिए राज्यों ने जरूरी तैयारियां कर ली हैं, इसे देखने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन नोडल डिपार्टमेंट है. यह मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन के तहत आता है.

सबसे अधिक कर्ज उत्तर प्रदेश को

सरकार की नई योजना के तहत सबसे अधिक कर्ज उत्तर प्रदेश को मिल सकता है. उत्तर प्रदेश अब 4851 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज ले सकता है. उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक अतिरिक्त कर्ज कर्नाटक को 4509 करोड़ और गुजरात को 4352 करोड़ रुपये का मिलेगा.

31 दिसंबर तक लागू करने हैं सुधार

केंद्र सरकार से अतिरिक्त उधार लेने के लिए राज्यों को इस साल के अंत यानी 31 दिसंबर तक जरूरी सुधार लागू करने हैं. वित्त मंत्रालय के ऑफिसियल रिलीज में यह उम्मीद जताई गई है कि 31 दिसंबर तक और भी राज्य रिफॉर्म पूरा कर लेंगे. केंद्र सरकार से अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए जिन सुधारों को लागू करना है, उसमें वन नेशन वन कार्ड के अलावा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म, अर्बल लोकल बॉडी/यूटिलिटी रिफॉर्म और पॉवर सेक्टर रिफॉर्म भी शामिल हैं.

कर्ज का 0.25 फीसदी वन नेशन वन कार्ड पर खर्च

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण आई चुनौतियों के बीच राज्यों को आर्थिक सहारा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिसमें से एक यह है कि 2020-21 में राज्यों को ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रॉडक्ट (GSDP) के 2 फीसदी के बराबर का अतिरिक्त कर्ज मिल सकता है. इस पहल से राज्यों को कोरोना महामारी से लड़ने में वित्तीय समस्या नहीं होगी और जनहित योजनाओं का मानक स्तर बना रहेगा. हालांकि केंद्र ने राज्यों से कहा था कि जो अतिरिक्त कर्ज मिलेगा, उसका कुछ हिस्सा राज्य द्वारा किए जा रहे रिफॉर्म्स पर खर्च होना चाहिए. इसी के तहत रिफॉर्म्स से सरकारी योजना पीडीएस को जोड़ दिया गया. राज्य अपनी जीडीपी के 2 फीसदी के बराबर अतिरिक्त कर्ज ले सकते हैं और इसका 0.25 फीसदी ‘वन नेशन वन कार्ड सिस्टम’ लागू करने पर खर्च करना है.

देश भर में कहीं भी एक कार्ड पर राशन का लक्ष्य

वन नेशन वन कार्ड सिस्टम के तहत सरकार का लक्ष्य है कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी देश भर में कहीं पर भी फेयर प्राइस शॉप (एफपीएस) पर राशन पा सकें. इसके अलावा इसका लक्ष्य यह है कि बोगस, डुप्लीकेट या अयोग्य राशन कार्ड को सिस्टम से हटाया जा सके ताकि लीकेज को रोका जा सके. लीकेज रोकने के लिए रिफॉर्म्स कंडीशंस में यह है कि राशन कार्ड को आधार से जोड़ा जाए, लाभार्थियों की बॉयोमेट्रिक पहचान हो और राज्य में सभी फेयर प्राइस शॉप्स ऑटोमेशन हो.

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