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डायबिटीज के मरीज रोजाना इतने पिस्ता जरूर खाएं, कंट्रोल में रहेगा ब्लड शुगर

विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना टेढ़ी खीर साबित होता है।

Review of Diabetic Studies में छपी एक शोध के अनुसार पिस्ता डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा समान है। इसके सेवन से बहुत जल्द ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। पिस्ता ऊर्जा का स्त्रोत है। साथ ही इसमें प्रोटीन और फैट पाए जाते हैं।

मधुमेह एक सामान्य बीमारी है। इस बीमारी में मरीजों को बार-बार पेशाब आता है, प्यास और भूख भी अधिक लगती है। अगर मधुमेह में सावधानी नहीं बरतते हैं और परहेज नहीं करते हैं, तो कई बीमारियां जन्म लेती हैं। इनमें स्ट्रोक, हृदय रोग, अल्सर और आंखों से संबंधित बीमारियां शामिल हैं। इस बीमारी में अग्नाशय से इंसुलिन निकलना बंद हो जाता है। वहीं, रक्त में शर्करा का स्तर उच्च हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना टेढ़ी खीर साबित होता है। इसके लिए खानपान और दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें। साथ ही वर्कआउट भी रोजाना जरूर करें। वहीं, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए आप पिस्ता का भी सेवन कर सकते हैं। कई शोध में खुलासा हो चुका है कि पिश्ते के सेवन से ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है। हालांकि, इसके लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है कि एक दिन में कितने पिश्ते खाने चाहिए और कैसे सेवन करना चाहिए। आइए जानते हैं-

Review of Diabetic Studies में छपी एक शोध के अनुसार, पिस्ता डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा समान है। इसके सेवन से बहुत जल्द ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। पिस्ता ऊर्जा का स्त्रोत है। साथ ही इसमें प्रोटीन और फैट पाए जाते हैं, जिनसे लंबे समय तक पेट भरा रहता है। इसके अलावा researchgate.net पर छपी एक अन्य शोध में भी पिश्ते को डायबिटीज रोग के लिए दवा बताई गई है। इस शोध में लगातार 12 हफ्ते तक पिस्ता खाने की सलाह दी गई है।

कैसे करें सेवन

researchgate.net पर छपी शोध में रोजाना 25 ग्राम पिस्ता खाने की सलाह दी गई है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। वहीं, Review of Diabetic Studies में रोजाना 30 पिस्ता खाने की सलाह दी गई है। हालांकि सॉल्टेड पिस्ता से परहेज करना चाहिए। एक बाउल फ्रूट सलाद के साथ पिस्ता का सेवन करें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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