ITR

ITR Filing Jhatpat Process: झटपट प्रोसेसिंग के जरिए आसानी से फाइल कर सकते हैं आईटीआर, ये है तरीका

ITR Filing Jhatpat Process: आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए ‘फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से’ टैगलाइन के साथ ‘झटपट प्रोसेसिंग’ फीचर पेश किया है

ITR Filing Jhatpat Process: वित्त वर्ष 2019-20 (एसेसमेंट इयर 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर करीब आती जा रही है. ऐसे में आयकर विभाग ने ‘झटपट प्रोसेसिंग’ फीचर पेश किया है. इसके तहत आईटीआर-1 और आईटीआर-4 को आसानी से फाइल किया जा सकता है. आईटी विभाग ने अपने इस नए फीचर का टैगलाइन ‘फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से’ रखा है. आईटी विभाग ने अपने इसे नए फीचर के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी और बताया कि इस फीचर को आईटीआर फॉर्म-1 और फॉर्म-4 के लिए लांच कर दिया गया है और टैक्सपेयर्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर इसे फाइल कर सकते हैं.हालांकि ‘झटपट प्रोसेसिंग’ तभी सम्भव है, जब टैक्सपेयर का आईटीआर चेक किया जा चुका हो और बैंक स्टेटमेंट्स को प्री-वैलिडेट किया जा चुका हो. इसके अलावा इनकम डिफरेंस न हो रहा हो और टीडीएस कटा हो. रिटर्न के ई-वेरिफिकेशन के लिए टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट नंबर, बैंक एटीएम, बैंक अकाउंट नंबर, आधार ओटीपी और ई-मेल आईडी में से कोई भी एक मोड चुन सकते हैं.

‘Jhatpat Processing’ के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स

  • PAN
  • फॉर्म-16
  • फॉर्म 26एएस
  • बैंक स्टेटमेंट
  • आधार या एनरोलमेंट आईडी नंबर

दो मोड में कर सकते हैं ITR फाइल

  • एसेसमेंट इयर 2020-21 के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर-4 को दो मोड के जरिए फाइल कर सकते हैं.
  • ऑफलाइन- जावा या एक्सेल फॉर्मेट में एप्लिकेबल आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करें और इसे ऑफलाइन भरकर एक्सएमएल फाइल तैयार करें. इसके बाद इस ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन कर अपलोड करें.
  • ऑनलाइन- ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें, प्लान करें और रिटर्न अपलोड करें.

ITR फाइल करने का ऑनलाइन तरीका

  • ई-फाइलिंग टैक्स पोर्टल पर इस लिंक के जरिए जाएं. https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/in/infiling
    अपनी यूजर-आईडी (जैसे कि पैन), पासवर्ड और कैप्चा कोड भरकर लॉग इन पर क्लिक करें.
  • ई-फाइल मेन्यू के तहत ‘फाइलिंग इनकम टैक्स रिटर्न’ या ‘रिटर्न इनकम टैक्स’ पर क्लिक करें.
  • ‘ओरिजिनल/रिवाइज्ड रिटर्न’ ‘प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन’ को सेलेक्ट करें. प्रिपेयर करें और ऑनलाइन सबमिट कर दें.
  • रिफंड क्रेडिट के बैंक खाते के लिए या तो ‘प्रीवैलिडेटेड’ या ‘लेटेस्ट आईटीआर’ को सेलेक्ट करें. और Continue पर क्लिक करें.
  • पहले से भरा हुआ कंसेंट सामने आएगा जिसमें सभी डिटेल्स देखकर एग्रीमेंट का एक चेक बॉक्स होगा, उसे चेक कर Continue पर क्लिक करें.
  • आईटीआर के डेटा को वेरिफाई करने के लिए ‘प्रिव्यू एंड सबमिट’ बटन पर क्लिक करें.
  • आईटीआर ऐड करने के लिए सबमिट करें या तो आप उसे एडिट कर सकते हैं.
  • आईटीआर को ऑनलाइन वेरिफाई करें.

ऑफलाइन ITR फाइल करने की पूरी प्रोसेस

  • ई-फाइलिंग इनकम टैक्स की वेबसाइट  https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/in/infiling पर जाइए.
  • डाउनलोड मेन्यू में ‘आईटी रिटर्न प्रिपेरेशन सॉफ्टवेयर’ पर क्लिक करें. अपना एसेसमेंट इयर चुनें और रिलेवेंट आईटीआर फॉर्म या जो जावा या एक्सेल फॉर्मेट में डाउनलोड करें.
  • ‘माय अकाउंट’ सेक्शन टैब पर ‘प्री-फिल्ड एक्सएमएल’ डाउनलोड पर क्लिक करें.
  • रिफंड क्रेडिट के बैंक खाते के लिए या तो ‘प्रीवैलिडेटेड’ या ‘न्यू आईटीआर’  को सेलेक्ट कर एक्सएमएल डाउनलोड पर क्लिक करें. इसके बाद Continue पर क्लिक करें.
  • अपने कंप्यूटर सिस्टम पर डाउनलोडेड यूटिलिटी पर इंस्टाल कर लें.
  • आईटीआर यूटिलिटी में इंपोर्टेड प्री फिल्ड इंफॉर्मेशन को सर्च करिए.
  • आईटीआर फॉर्म में दी गई जानकारियों को वैलिडेट करिए और कोई गलती हुई हो तो उसे ठीक करें. इसके बाद टैक्स का आकलन करें.
  • एक्सएमएल फाइल जेनेरेट कर उसे सेव करें.
  • ई-फाइलिंग पोर्टल पर यूजर आईडी (जैसे कि पैन कार्ड), पासवर्ड, कैप्चा कोड भरकर लॉग इन पर क्लिक करिए.
  • ई-फाइल मेन्यू के तहत ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ पर क्लिक करें.
  • पैन पहले से भरा हुआ आएगा. एसेसमेंट इयर, आईटीआर फॉर्म नंबर, ‘ओरिजिनल/रिवाइज्ड रिटर्न’ चुनें और जानकारियां भरकर ‘अपलोड एक्सएमएल’ सब्मिशन मोड चुनें.
  • आईटीआर को चेक करने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ डिजिटल सिग्नेचर (डीएससी), आधार ओटीपी को चुनें और Continue पर क्लिक करें.
  • एक्सएमएल आईटीआर फाइल को अटैच कर सबमिट पर क्लिक करें.
  • आईटीआर को ई-वेरिफाई करें.

31 दिसंबर की डेडलाइन मिस होने पर लगेगा जुर्माना

  • आईटी एक्ट के सेक्शन 234ए के तहत 1 फीसदी मासिक की दर से ब्याज चुकाना होगा जब तक कि रेवेन्यू फाइलिंग का रिटर्न नहीं फाइल हो जाता है.
  • सेक्शन 234एफ के तहत 10 हजार रुपये का लेट फी देना होगा. हालांकि अगर ओवरऑल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होती है तो लेट फी 1 हजार रुपये से अधिक नहीं होगा.
  • अगर टैक्सपेयर के ऊपर कोई टैक्स देनदारी नहीं है तो उस पर सेक्शन 234एफ के तहत 10 हजार रुपये की लेट फी चुकानी होगी. हालांकि अगर ओवरऑल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो 1 हजार रुपये से अधिक का लेट फी नहीं देना होगा.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top