Automobile

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का है प्लान, तो जानिए क्या हैं फायदे और नुकसान

ऑटोमोबाइल कंपनी ईलेक्ट्रिक वाहनों की ओर तेजी से बढ़ रही हैं. इस साल कई ई-व्हीकल्स लॉन्च होने वाले हैं. ऐसे में आप इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में जान लीजिए.

ऑटो सेक्टर मार्केट में जितनी तेजी से बदलाव हो रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज तेजी से बढ़ने वाला है. दुनिया के कई देश इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ चुके हैं. भारत में भी तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों पर काम किया जा रहा है. हालांकि भारत में अभी ई-व्हीकल्स के लिए काफी चुनौतियां हैं. लेकिन ऑटो मोबाइल कंपनियां इस ओर तेजी से काम कर रही हैं. आने वाले दिनों में भारत में कई इलेक्ट्रिक कार लॉन्च होने वाली हैं. अगर आप भी इलेक्ट्रिक कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले आपको इसके फायदे और नुकसान पता होने चाहिए. आइये जानते हैं.

इलेक्ट्रिक कारों के फायदे

1 कम प्रदूषण- सबसे पहले हम आपको इलेक्ट्रिक वाहनों के फायदे के बारे में बता रहे हैं. ई- व्हीकल्स का सबसे बड़ा फायदा है कि ये पेट्रोल और डीजल वाहनों के मुकाबले काफी कम प्रदूषण करते हैं. इसमें इस्तेमाल होने वाली मोटर न के बराबर उत्सर्जन करती है.

2 महंगे फ्यूल से छुटकारा- इलेक्ट्रिक वाहनों का दूसरा सबसे बड़ा फायदा ये है कि आप हर रोज बढ़ रहे पेट्रोल या डीजल की कीमतों से छुटकारा पा सकते हैं. इसे एक बार चार्ज करना होता है. इसके बाद पेट्रोल डीजल भरवाने के लिए आपको बार-बार पेट्रोल पंप पर जाने की जरूरत नहीं है.

3 खर्च कम- दूसरे वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों के रख-रखाव और मेंटेनेंस में खर्च कम होता है. ऐसे वाहनों को ज्यादा सर्विसिंग की जरूरत नहीं पड़ती. ई- व्हीकल्स को आप घर पर भी चार्ज कर सकते हैं.

4 कम ध्वनि प्रदूषण- इलेक्ट्रिक वाहन यानि ग्रीन मोबिलिटी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे किसी भी तरह का प्रदूषण दूसरे वाहनों के मुकाबले कम होता है. इलेक्ट्रिक वाहन दूसरे वाहनों के मुकाबले काफी कम आवाज करते हैं. ये कार काफी स्मूथ होती हैं और ज्यादा वाइब्रेट नहीं करती हैं.

इलेक्ट्रिक वाहन के नुकसान

1 चार्जिंग स्टेशन की कमी- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग से चलते हैं. चार्ज किया और आपकी गाड़ी दोड़ने लगती है. लेकिन भारत में अभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पर्याप्त संख्या में चार्जिंग स्टेशन्स नहीं है. ई- व्हीकल्स के साथ देश में ये सबसे बड़ी मुसीबत है. ऐसे में आप हर जगह अपनी इलेक्ट्रिक कार को नहीं ले जा सकते.

2 ज्यादा कीमत– इलेक्ट्रिक कार डीजल और पेट्रोल कार के मुकाबले महंगी होती हैं. ऐसे में लोग कम पैसे में दूसरी पावरफुल कार खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. फिलहाल ई- व्हीकल्स के साथ दूसरी चुनौती ये है कि ये वाहन इतने पावर फुल नहीं है जितने पेट्रोल और डीजल के वाहन है.

3 कम पावर- जैसा कि हम बता चुके हैं कि ई-व्हीकल पेट्रोल और डीजल वाहनों से कम पावरफुल होते हैं. इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल की जाने वाली मोटर भी काफी कीमती होती है. ऐसे में अगर आप परफॉरमेंस कार चुनना चाहते हैं तो आपके लिए ई- व्हीकल्स में ज्यादा ऑप्शन नहीं हैं.

4- प्रदूषण- आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल वाहनों के मुकाबले काफी कम उत्सर्जन करते हैं. जिससे प्रदूषण काफी कम होता है. लेकिन फिर भी ये वाहन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं है. ई- व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली बैटरी और चार्जिंग पावर जरुरी नहीं है कि ग्रीन एनर्जी पैदा करें.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top