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बच्चों की आंखों की रोशनी छीन सकता है ये Sanitizer, सामने आईं घटनाएं

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर गलती से सैनिटाइटर (Alcohol Based Hand Sanitizer) बच्‍चों की आंख में चला जाए तो यह उन्‍हें अंधा कर सकता है. फ्रेंच प्‍वाइजन कंट्रोल सेंटर के डेटाबेस के अनुसार, एक अप्रैल 2020 से 24 अगस्‍त के बीच हैंड सैनिटाइजर से जुड़ी घटनाओं की संख्‍या 232 रहीं जो पिछले साल 33 थी. 

नई दिल्लीः कोरोना वायरस (Corona Virus) की रोकथाम के लिए दुनियाभर के लोग अल्कोहल से बने सैनिटाइर (Alcohol Based Hand Sanitizer) का प्रयोग कर रहे हैं. इस सैनिटाइजर से भले ही आप कोविड-19 (Covid-19) को रोक सकते हैं लेकिन ये बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इससे मासूमों की आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है. इस बात का खुलासा हाल ही में हुए एक शोध के जरिए हुआ है. फ्रांस में हुए ताजा शोध के मुताबिक, अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के छिड़काव (sprays)  के बाद साल 2020 में 2019 की अपेक्षा बच्‍चों की सेहत खराब होने घटनाएं 7 गुना बढ़ गई हैं. इनमें सबसे अधिक बच्चों की आंखें खराब हुई हैं. 

ये हैं आंकड़े

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर गलती से सैनिटाइटर बच्‍चों की आंख में चला जाए तो यह उन्‍हें अंधा कर सकता है. फ्रेंच प्‍वाइजन कंट्रोल सेंटर के डेटाबेस के अनुसार, एक अप्रैल 2020 से 24 अगस्‍त के बीच हैंड सैनिटाइजर से जुड़ी घटनाओं की संख्‍या 232 रही जो पिछले साल 33 थी. शोध का दावा है कि अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के छिड़काव के दौरान यदि एक बूंद भी किसी बच्चे की आंख में चली गई तो उसकी रोशनी जा सकती है. इसलिए इससे सावधान रहने की जरूरत है. बता दें कि कोविड-19 से बचाव के लिए दुनियाभर के अधिकतर लोग अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं जो बच्चों के लिए नुकसानदायक है. हालांकि, इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए असरदार है.

बच्चों को धुलाएं साबुन से हाथ

शोधकर्ताओं का मानना है कि ‘अल्‍कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर मार्च 2020 से लेकर अब तक बड़े पैमाने पर खासतौर पर बच्‍चों में इस्‍तेमाल किया जा रहा है.’ भारतीय शोधकर्ताओं का भी मानना है कि सैनिटाइजर को बच्‍चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए. ऐसे दो मामले आए हैं जब बच्‍चों की आंखों में सैनिटाइजर चला गया और उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती करना पड़ा.’ डॉक्‍टर्स ने कहा, सैनिटाइजर से छोटे बच्चों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा हो सकता है. लिहाजा इसीलिए पेरेंट्स के लिए यही बेहतर होगा कि वे अपने बच्चों को साबुन से हाथ धुलने की आदत डालें न कि बार-बार सैनिटाइजर का प्रयोग करना सिखाएं.

डेली मेल के अनुसार, फ्रेंच पीसीसी रिसर्च ग्रुप के वैज्ञानिकों ने JAMA एफथाल्मोलॉजी में प्रकाशित अपनी स्टडी में लिखा है, ”अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का बड़े स्तर पर इस्तेमाल मार्च 2020 से अनजाने में होने वाली महामारी में बढ़ोतरी के साथ जुड़ा हुआ है.” डॉक्टर्स लिखते हैं कि छोटे बच्चों में ऑक्युलर इंजरी का खतरा ज्यादा रहता है और हैंड सैनिटाइजर की वजह से कई बार आंखों की रोशनी भी जा सकती है.

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