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Life On Earth: वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा! पृथ्वी पर होगा बैक्टीरिया का साम्राज्य, खत्म हो जाएंगे इंसान और पेड़-पौधे

Life Science: धरती के वायुमंडल में ऑक्सीजन का हिस्सा करीब 21 फीसदी है. इंसान जैसे जटिल संरचना वाले जीवों के लिए ऑक्सीजन की मौजूदगी बेहद जरूरी है. लेकिन धरती की शुरुआत में ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम था. वैज्ञानिकों का कहना है कि यही हाल भविष्य में 100 करोड़ साल बाद फिर होगा. पढ़ें पूरी खबर. 

नई दिल्ली: भविष्य में धरती से ऑक्सीजन (Oxygen) की मात्रा बेहद कम हो जाएगी. इसकी वजह से पृथ्वी पर मौजूद कई जीव खत्म हो जाएंगे. जापान (Japan) और अमेरिका (America) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में इसका खुलासा किया है. साइंटिस्ट्स के अनुसार धरती पर 100 करोड़ साल बाद ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाएगा. इस वजह से जटिल एयरोबिक जीव और फोटोसिंथेटिक जीवों की जिंदगी पर संकट आ जाएगा. इनके खत्म होने की आशंका बढ़ जाएगी.

100 साल बाद समाप्त हो जाएंगे ये जीव 

गौरतलब है कि धरती के वायुमंडल में ऑक्सीजन का हिस्सा करीब 21 फीसदी है. इंसान जैसे जटिल संरचना वाले जीवों के लिए ऑक्सीजन की मौजूदगी बेहद जरूरी है. लेकिन धरती की शुरुआत में ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम था. वैज्ञानिकों का कहना है कि यही हाल भविष्य में 100 करोड़ साल बाद फिर होगा.

धरती पर होने वाले वायुमंडलीय बदलाव की गणना

जापान के टोहो यूनिवर्सिटी (Toho University Omori Campus) के वैज्ञानिक काजुमी ओजाकी (Kazumi Ozaki) और अटलांटा के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Georgia Institute of Technology Atlanta) के क्रिस रीनहार्ड (Chris Reinhard) ने धरती के क्लाइमेट, बायोलॉजिकल और जियोलॉजिकल सिस्टम का एक विस्तृत मॉडल तैयार किया है. इससे वैज्ञानिक भविष्य में धरती पर होने वाले वायुमंडलीय बदलाव की गणना कर रहे हैं.

ऑक्सीजन के स्तर में भयंकर कमी

इन दोनों वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 100 करोड़ साल तक धरती का ऑक्सीजन स्तर इसी तरह से बना रहेगा, जैसा अभी है. लेकिन इसके ठीक बाद ऑक्सीजन के स्तर में भयंकर कमी आएगी. वायुमंडल में ऑक्सीजन की मौजूदगी स्थाई उपलब्धि नहीं रहेगी. और इसके पीछे की वजह होगी सूरज की उम्र का ढलना. जैसे-जैसे सूरज की उम्र ढलती जाएगी, वह और गर्म होता जाएगा.

इस तरह करेगा असर 

सूरज के ज्यादा गर्म होने का असर धरती पर मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) पर बहुत ज्यादा पड़ेगा. इससे CO2 कम होने लगेगा. जिसकी वजह से सूरज की गर्मी को सोखने की धरती की क्षमता में कमी आएगी. इसके बाद धरती का वायुमंडल टूटने लगेगा. CO2 में कमी आएगी तो फोटोसिंथेसाइसिंग जीव (Photosynthesising  Organisms) जैसे पेड़-पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे.

ऑक्सीजन का स्तर वर्तमान से लाखों गुना नीचे 

जाहिर है पेड़-पौधे खत्म होंगे तो ऑक्सीजन के उत्पादन में कमी आएगी. इन फोटोसिंथेसाइसिंग जीव (Photosynthesising Organisms) के खत्म होने से भी ऑक्सीजन में भारी कमी आएगी. क्रिस रीनहार्ड कहते हैं कि ये कमी बेहद भयावह होगी. इस समय ऑक्सीजन का स्तर वर्तमान समय से लाखों गुना नीचे होगा.

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