FINANCE

SBI ई-पेमेंट में सबसे आगे; 67% ट्रांजैक्शन हुए ऑनलाइन, YONO से बढ़ी डिजिटल लेंडिंग

अपने ग्राहकों को डिजिटल प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज उपलब्ध कराने के मामले में SBI सबसे आगे है.

SBI digital payments: अपने ग्राहकों को डिजिटल प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज उपलब्ध कराने के मामले में देश का सबसे बड़ा बैंक SBI सबसे आगे है. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) के डिजिटल स्कोरकार्ड में लगातार तीसरे महीने एसबीआई टॉप पर है. इस स्कोरकार्ड को कॉमर्शियल बैंक के कई डिजिटल पैरामीटर्स पर प्रदर्शन के आधार पर तैयार किया जाता है. एसबीआई के प्लेटफॉर्म पर रिकॉर्ड करीब 64 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए. एसबीआई का यूजर बेस 13.5 करोड़ है.

एसबीआई के अनुसार, बैंक ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए 636 करोड़ ट्रांजैक्शन प्रॉसेस किए जो बैंक के कुल ट्रांजैक्शन का 67 फीसदी रहा. मोबाइल बैंकिंग के जरिए ट्रांजैक्शन के मामले में एसबीआई के पास 25 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है. सिमिलरवेब के मुताबिक एसबीआई इंटरनेट बैंकिंग सर्विस (onlinesbi.com) बैंकिंग क्रेडिट और लेडिंग कैटगरी में ऑनलाइन ट्रैफिक के मामले में टॉप पर है. 8.5 करोड़ से अधिक लोग एसबीआई की नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं.

YONO के जरिए SBI की बढ़ी डिजिटल लेंडिंग

SBI की फ्लैगशिप डिजिटल और लाइफस्टाइल प्लेटफॉर्म YONO के चलते डिजिटल लेंडिंग में बढ़ोतरी हुई है. योनो के जरिए एसबीआई ने अप्रैल-दिसंबर 2020 में 10 लाख से अधिक पर्सनल लोन बांटे हैं. इसके जरिए लोगों को 15,996 करोड़ रुपये का लोन दिया गया. योनो कृषि के जरिए चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 12035 करोड़ रुपये के 7.85 लाख एग्री गोल्ड लोन्स पास किए गए. इसके अलावा अगस्त-दिसंबर 2020 में 4230 करोड़ रुपये के 2.42 लाख किसान क्रेडिट कार्ड को रिव्यू किया गया.

SBI के सबसे अधिक डेबिट कार्ड धारक

डेबिट कार्ड इशू करने के मामले में भी एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है. एसबीआई के कस्टमर्स 29 करोड़ से अधिक डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं जिसकी कार्ड स्पेंड्स के मामले में 30 फीसदी और ट्रांजैक्शन वॉल्यूम के मामले में 29 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी है. बैंक ने धीरे-धीरे अपने पेमेंट एस्सेप्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है. 31 लाख से अधिक मर्चेंट टचप्वाइंट्स को भीम यूपीआई क्यूआर, भारत क्यूआर, भीम-आधार और पीओएस जैसे पेमेंट मोड्स के जरिए इनेबल्ड किया गया है. इसमें से 51 फीसदी पेमेंट एस्सेप्टेंस प्वाइंट्स ग्रामीण और अर्द्धशहरी इलाकों में स्थित हैं.

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