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युवाओं के लिए घातक है Covishield वैक्सीन, CSIR का बयान

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने कोविशिल्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) को युवाओं के लिए घातक करार दिया है.

नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में हर दिन बड़ा इजाफा हो रहा है. रोजाना 1 लाख से अधिक केस आने से लोनों में खौफ का माहौल है. इस बीच सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल शेखर मंडे ने बड़ा बयान देते हुए ये कहा है कि Covishield युवाओं के लिए घातक है.

कोविशील्ड युवाओं के लिए सुरक्षित नहीं

ऑक्सफोर्ड के रिसर्च, एस्ट्रेजनेका की इंजीनियरिंग और सिरम इंस्टीट्यूट की प्रोडक्शन से बनी कोविशिल्ड वैक्सीन युवाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को माना है कि युवाओं के अंदर आंशिक रूप से कुछ केसों में ब्लड क्लोटिंग पाई गई है.

यूरोपियन यूनियन के 27 देशों में से आधे से ज्यादा ने युवाओं के लिए इस टीकाकरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसमें जर्मनी, फ्रांस, इटली, डेनमार्क शामिल है. ब्रिटेन में 30 साल से नीचे वालों पर प्रतिबंध लगाया है, जबकि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने 50 साल से नीचे वालों पर.. इससे यह साफ हो जाता है कि जब तक और ज्यादा शोध कार्य नहीं होता तब तक युवा वर्ग में यह व्यक्ति सुरक्षित नहीं है.

गौरतलब है कि भारत की 80% टीकाकरण कार्यक्रम में किसी वैक्सीन का प्रयोग होता है और भारत सरकार ने शायद तभी पहले ही 45 वर्ष से वर्ग को टीकाकरण लाभार्थी श्रेणी से बाहर रखा है.

वैक्सीन संक्रमण से सुरक्षा की गारंटी नहीं

दिल्ली के निजी अस्पताल गंगाराम में तीन दर्जन डॉक्टर वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हो गए, जिनमें से 5 का इलाज अस्पताल में चल रहा है और दो की हालत गंभीर है. वहीं एम्स के मेडिकल स्टाफ में से 60 कर्मचारी वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इस पर सीएसआईआर का दावा है कि वैक्सीन लेना संक्रमण से सुरक्षा की गारंटी नहीं, 30% लोग वैक्सीन लेने के बावजूद आसानी से संक्रमित हो सकते हैं. इनमें से कुछ लोगों की स्थिति गंभीर भी हो सकती है, लेकिन टीकाकरण से मृत्यु दर में कमी आएगी.

केंद्र के प्रयास सराहनीय, मिलकर करें सब काम

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. आज स्वास्थ्य मंत्री, विदेश मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री स्वास्थ्य और गृह राज्य मंत्री के साथ मंत्री समूह की बैठक कर रहे हैं. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि केंद्र राज्य और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम करें, तभी भारत महामारी से जंग जीत सकता है.

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