Bihar

बिहार: पंचायत चुनाव से पहले सरकार का बड़ा फैसला, मुखिया और वार्ड सदस्यों पर दर्ज हो सकती है FIR

Bihar Panchayat Elections: जिन मुखिया या उपमुखिया को शक्तियों के दुरुपयोग या दुराचार का दोषी पाए जाने के आरोप में हटाया गया और अपीलीय प्राधिकार या सक्षम न्यायालय द्वारा उस आदेश को स्थगित या रद्द नहीं किया गया है तो, वे मुखिया या उपमुखिया पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

पटना. बिहार में अब तक 1475 वार्डों में नल जल योजना में गड़बड़ियां सामने आई हैं. पंचायती राज विभाग ने इन सभी वार्ड के मुखिया और संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. ऐसे सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि संबंधित डीएम, डीपीआरओ और बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि ऐसे किसी भी पंचायत में शिकायत आने पर वहां के संबंधित मुखिया और वार्ड सदस्य को सबसे पहले नोटिस भेजा जाए. अगर 15 दिन के अंदर इस स्तर पर कार्रवाई नहीं होती है तो फिर पंचायती राज विभाग कार्रवाई करेगा.

पंचायती राज विभाग ने सभी मुखिया को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया था और अगर कोई मुखिया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट समय रहते जमा नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई तय है. दरअसल, बिहार सरकार का पंचायती राज विभाग नल जल योजना में घपले-घोटाले और गड़बड़ी को लेकर काफी सख्त है. विभाग ने ऐसी किसी भी गड़बड़ी पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश  अधिकारियों को दे दिया है.

प्रमंडलीय आयुक्त और राज्य सरकार द्वारा अपने पद से हटा दिए गए मुखिया या उपमुखिया अगर इस बार होने वाले पंचायत चुनाव में नामांकन करते हैं तो उनका नामांकन पत्र मंजूर नहीं किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे लेकर गाइडलाइन पहले ही जारी कर दिया है. ऐसे किसी भी मुखिया एवं उपमुखिया को शक्तियों के दुरुपयोग और दुराचार का दोषी पाए जाने के आरोप में हटाया गया हो और सक्षम न्यायालय द्वारा उस आदेश को स्थगित या रद्द नहीं किया गया है तो इस तरह के मुखिया या उप मुखिया 5 साल तक चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे.

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