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महामारी की लड़ाई अस्पतालों में नहीं, मैदान में लड़ी जाती है, हौसला रखें: अशोक गहलोत

Rajasthan News: गहलोत ने कहा कि हमे ये ध्यान रखना है कि कोरोना हो ही क्यों, बचाव ही उपाय है. ये दिमाग में रखें. महामारी की लड़ाई अस्पतालों में नहीं, मैदान में लड़ी जाती है.

Jaipur: बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात सोशल मीडिया (Social Media) पर लाइव आकर आमजन से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की. गहलोत ने कहा कि अचानक आई कोरोना की दूसरी लहर ने पिछले एक महीने से तबाही मचा दी. एक दिन में 33 मौत हो रही हैं. ये कोरोना घातक रूप लेकर बहुत तेजी से बच्चों युवाओं में भी फैल रहा है. श्मशान गृहों में वेटिंग हैं, खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि अस्पतालों के बाहर एंबुलेंसों की लाइन लगी हुई. ऐसी डरावनी तस्वीर सामने आ रही हैं. हालांकि, गहलोत ने कहा कि राज्य में पड़ोसी राज्यों से अच्छी स्थिति है. महाराष्ट्र में हालात खराब हो चुके हैं. आक्सीजन की कमी हो गई है. Ashok Gehlot ने कहा कि राज्य सरकार नहीं चाहते थी कि Weekend Curfew लगाया जाए, लेकिन लोग लापरवाह हो गए, समझाने के बावजूद नहीं मान रहे. चुनाव के दौरान तो सारी हदें पार कर दीं. ज्यूडिशिनरी ने भी चुनाव करवाने के लिए कहा. कुछ हद तक हम भी जिम्मेदार हैं.

गहलोत ने कहा कि हमे ये ध्यान रखना है कि कोरोना हो ही क्यों, बचाव ही उपाय है. ये दिमाग में रखें. महामारी की लड़ाई अस्पतालों में नहीं, मैदान में लड़ी जाती है. कोरोना से बचाव का प्रोटोकॉल अपनाएं. वैक्सीन की तरह मास्क लगाना प्रभावशाली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी वैक्सीन की कमी है. केंद्र भेज नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने भी वैक्सीन लगवा ली है, आप सभी को भी लगवानी है. सरकारी पूरी व्यवस्था करने में लगी हुई है.

सीएम ने जनता से आह्वान किया कि हौसला बुलंद रखें. सरकार साथ खड़ी मिलेगी. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सरकार ने जो फैसले किए हैं, उसे लागू करने में सहयोग करें. ये नहीं हो कि पुलिस को सख्ती करनी पड़े. गहलोत ने कहा कि अगर जान बचाने के लिए सख्ती करनी पड़ी तो करेंगे.

गहलोत ने कहा कि कोरोना की जंग से पिछले 13 महीने से हम लोग जूझ रहे हैं, 12 महीने लगातार जूझने के बाद में लगने लगा था कि अब कोरोना चला जाएगा और हमने कोई कमी नहीं रखी थी उस वक्त में हम लोग टैस्टिंग के लिए पुणे और दिल्ली सैंपल भेजते थे, आज 70 हजार टैस्टिंग पर डे की कैपेसिटी हमने यहां पर बना ली, आईसीयू बेड्स तैयार कर लिए, वैंटिलेटर तैयार कर लिए, ऑक्सीजन के लिए जनरेशन प्लांट लगा दिए गए हैं.

सीएम ने कहा कि आधारभूत ढांचा पूरा तैयार किया और आप सबके सहयोग से, पूरे प्रदेशवासियों से सहयोग से, उनके आशीर्वाद से, जितने धर्मगुरु थे, एक्टिविस्ट थे, एनजीओ थे, व्यापारी थे, मजदूर संगठनों के लोग थे, कर्मचारी संगठनों के लोग थे, या चाहे राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता थे, सब लोगों ने मिलकर वो जंग लड़ी थी और हम लोग वो जंग जीत गए थे.

उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल का भी और राजस्थान का भी पूरे देश में ही नहीं, बल्कि देश के बाहर दुनिया के मुल्कों के अंदर भी प्रचार हुआ कि राजस्थान में बहुत शानदार कोरोना का प्रबंधन हो रहा है, हम लोगों के लिए गर्व करने की बात थी. अचानक जो दूसरी लहर आई है पिछले 1 महीने से पूरी तरह तबाही मचा दी, 15 मार्च को 250 केस आ रहे थे, अब साढ़े 6 हजार केस प्रतिदिन आ गए हैं, 7 हजार आ रहे हैं. मृत्युदर जीरो हो गई थी, 15 मार्च को प्रतिदिन कोई मृत्यु हो नहीं रही थी उन दिनों के अंदर, आज 31 लोगों की जान चली गयी, कभी 30, कभी 32, कभी प्रतिदिन 33 आंकड़े आ रहे हैं. ये कोरोना भी अलग तरह के मिजाज का है ये और बहुत ही खतरनाक है. 

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर विशेषज्ञ कहते हैं कि खतरनाक होती है हमेशा, इस लहर के अंदर एक तो बहुत फास्ट ये फैल रहा है नंबर 1, नंबर 2 ये बच्चों में भी जा रहा है, युवाओं में भी जा रहा है, जो पहले खाली बुजुर्गों में जाता था, वो संक्रमित होते थे और नंबर 3 ये कोरोना घातक रूप ले रहा है, इतनी मृत्युदर तो पूरे सालभर में कभी भी नहीं हुई थी. उस वक्त पूरे सालभर के आंकड़े देखें, तो 20 मृत्यु पर  एक दिन में मैक्सिमम हुई थी. पूरे प्रदेश के अंदर और अब कभी 25, कभी 30, कभी 33 है. ये जो स्थिति बनी है, वो घातक है, कोरोना तेजी से फैल ये रहा है, नौजवानों, बच्चों तक में ये जा रहा है, आप टीवी देखते होंगे, किस प्रकार के दृश्य देखने को मिल रहे हैं?

उन्होंने कहा कि श्मशान गृहों में जगह नहीं है, वेटिंग लिस्ट लगी हुई है, खुले में दाह संस्कार हो रहे हैं, अस्पतालों के बाहर एंबुलेंसों की लाइनें लगी हुई हैं और जो टीवी बता रहा है पूरे देश का पिक्चर, वो बहुत ही डरावना है. तो आप सोच सकते हो कि अभी तो हम उससे बचे हुए हैं, हमारे पड़ोसी राज्यों में जो स्थिति है, चाहे दिल्ली हो, चाहे पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, यूपी, उस सबसे हम लोग बेहतर स्थिति के अंदर हैं. महाराष्ट्र की तो आप देख ही रहे हो कि बहुत ही हालात खराब हो चुके हैं. वहां तो 50 हजार से अधिक प्रतिदिन वहां पर संक्रमित लोग आ रहे हैं.

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