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टर्म, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में फर्क नहीं जानते तो यहां जानिए

कई लोग टर्म, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में फर्क करना नहीं जानते हैं. ये सभी फायदेमंद होते हैं. आज हम आपको अपनी इस स्टोरी में बताने जा रहे हैं कि आखिर इनमें अंतर क्या है. दरअसल इंश्योरेंस के प्रकार के बारे में जानना काफी जरूरी हो जाता है ताकी अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बीमा करवाई जा सके.

कई लोग टर्म, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में फर्क करना नहीं जानते हैं. ये सभी फायदेमंद होते हैं. आज हम आपको अपनी इस स्टोरी में बताने जा रहे हैं कि आखिर इनमें अंतर क्या है. दरअसल इंश्योरेंस के प्रकार के बारे में जानना काफी जरूरी हो जाता है ताकी अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बीमा करवाई जा सके.

बाजार में कई सारी बीमा कंपनियां मौजूद है जो कि अलग-अलग प्रकार के बीमा उपलब्ध करवाते हैं. इंश्योरेंस के जरिए भविष्य में होने वाले अप्रत्याशित नुकसान से बचा जा सकता है या उस नुकसान को कम किया जा सकता है. बीमा के जरिए भविष्य में होने वाली अनहोनी से निपटा जा सकता है. इसके लिए जीवन बीमा और हेल्थ बीमा लिए जाते हैं. वहीं बीमा के मैच्योर होने पर अच्छा रिटर्न भी मिलता है. इसके अलावा टैक्स बेनेफिट भी मिलता है.

जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस)
जीवन बीमा से मतलब किसी जिंदा शख्स के बीमा से है. इसके तहत लोग जिंदगी का बीमा करवाते हैं. किसी शख्स का जीवन बीमा हो रखा है और किसी समय उस शख्स की मौत हो जाती है तो इसी स्थिति में मृतक शख्स के आश्रितों को मुआवजा मिलता है. वहीं अगर जीवन बीमा मैच्योर हो जाती है और जिस शख्स का जीवन बीमा किया जाता है वह जिंदा रहता है तो इस स्थिति में मैच्योरिटी रिटर्न काफी बेहतर मिलता है. साथ ही

स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस)

स्वास्थ्य बीमा की जरूरत तब पड़ती है जब किसी बीमारी के लिए इलाज के लिए आर्थिक संकट पैदा हो जाता है. वर्तमान में किसी भी बीमारी का इलाज करवाना काफी महंगा साबित होता है. ऐसे में इलाज के लिए होने वाले खर्चे को चुकाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस काफी काम आता है. अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है और हेल्थ इंश्योरेंस लिया हुआ है तो उसके इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी. हालांकि किसी भी बीमारी पर होने वाले खर्च की सीमा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती है.

टर्म इंश्योरेंस

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी जीवन बीमा से थोड़ी अलग होती है. टर्म इंश्योरेंस और ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस में डेथ बेनेफिट को लेकर सबसे बड़ा अंतर देखने को मिलता है. टर्म इंश्योरेंस लिए हुए शख्स की अगर टर्म पीरियड के दौरान मौत हो जाती है तो उसका बेनेफिट मिलता है. हालांकि लाइफ इंश्योरेंस करवाए हुए शख्स की मौत होने पर उसे डेथ और मैच्योरिटी बेनेफिट दोनों मिलते हैं. वहीं टर्म इंश्योरेंस के तहत डेथ बेनेफिट की मिलने वाली राशि लाइफ इंश्योरेंस में मिलने वाले मैच्योरिटी बेनेफिट से ज्यादा होती है.

वहीं टर्म इंश्योरेंस में लाइफ इंश्योरेंस की तरह मैच्योरिटी रिटर्न नहीं मिलता है. टर्म इंश्योरेंस लिए हुए शख्स की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके परिवार को बेनेफिट मिलता है. वहीं अगर कोई शख्स कम प्रीमियम भरना चाहता है और सिर्फ डेथ रिस्क कवर चाहता है तो उसके लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान फायदेमंद रहता है. अगर कोई शख्स लाइफ कवर के साथ निवेश करने का लक्ष्य रखता है तो वह लाइफ इंश्योरेंस का विकल्प ले सकता है. इसके साथ ही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को बंद करवाना लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के मुकाबले काफी आसान है.

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