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Oxygen Crisis : ऑक्‍सीजन की आपूर्ति के लिए सरकार ने झोंकी पूरी ताकत, लिए गए ये बड़े फैसले

नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमितों की संख्‍या में तेज बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। दिल्‍ली समेत देश के कई राज्‍यों से ऑक्‍सीजन की किल्‍लत की शिकायतें सामने आ रही हैं। ऑक्‍सीजन के अभाव में किसी की जान नहीं जाए इसलिए इसकी सुचारु आपूर्ति के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। ऑक्‍सीजन की सुचारु आपूर्ति के लिए वायुसेना और रेलवे पूरी शिद्दत के साथ काम कर रहे हैं। आइये जाने ऑक्‍सीजन की सुचारु आपूर्ति के लिए सरकार और इसकी मशीनरी ने अब तक क्‍या काम किए हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों में स्‍थापित होंगे 551 संयंत्र

केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष यानी पीएम केयर्स फंड से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 551 मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। पीएम केयर्स फंड ने इसके लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है। यही नहीं पीएम मोदी ने इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरु करने के निर्देश जारी किए हैं। इन संयंत्रों की स्थापना राज्यों के जिला मुख्यालयों में चिह्नित अस्पतालों में की जाएगी।

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भारतीय रेलवे भी जुटी

भारतीय रेलवे ने भी महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश समेत देश के कई राज्‍यों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद से ऑक्सीजन पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने बताया कि भारतीय रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस की आवश्यकता को लेकर दिल्ली, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों के भी संपर्क में है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेलवे आइसोलेशन कोच उपलब्‍ध कराकर भी मदद कर रही है।

वायुसेना ने भी संभाला मोर्चा

वहीं वायुसेना के विमान भी ऑक्‍सीजन की आपूर्ति में मदद कर रहे हैं। शनिवार शाम को वायुसेना का एक विमान ऑक्सीजन के चार खाली क्रायोजेनिक कंटेनरों को लेकर बंगाल में पानागढ़ हवाई अड्डे पहुंचा। यही नहीं देश में ऑक्‍सीजन की आपूर्ति के लिए वायुसेना खाली टैंकरों को पहुंचा रही है ताकि एक तरफ की यात्रा का समय बचे और अस्पतालों में भर्ती लोगों तक समय पर आक्सीजन पहुंच सके। वायुसेना ने शनिवार को जोधपुर, इंदौर से खाली टैंकरों को गुजरात के जामनगर पहुंचाया।

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सरकार ने लिए कई फैसले

केंद्र सरकार ने ऑक्‍सीजन की आपूर्ति को सुचारु बनाने के लिए ताबड़तोड़ कई फैसले लिए हैं। सरकार ने नाइट्रोजन कंटेनरों से ऑक्सीजन की ढुलाई करने की इजाजत दे दी है। यही नहीं सरकार ने सभी प्रकार के उद्योगों को ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सरकार लिक्विड ऑक्‍सीजन के उत्‍पादन के लिए अमेरिका से 10 हजार ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स का आयात भी कर रही है। इसके लिए आर्डर दे दिए गए हैं। सरकार ऑक्‍सीजन कंटेनर का आयात भी कर रही है।

उद्योग जगत ने भी झोंगी ताकत

विमानन कंपनी स्पाइस जेट की कार्गो शाखा स्पाइस एक्सप्रेस की ओर से जारी बयान के मुताबिक उसने 800 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स को हांगकांग से दिल्ली पहुंचाया है। आने वाले दिनों में कंपनी दुनियाभर से 10 हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर देश में पहुंचाएगी। इसके अलावा टाटा समूह ने भी मेडिकल आक्सीजन की ढुलाई के लिए 24 क्रायोजेनिक कंटेनर विदेश से मंगाने की घोषणा की थी जो भारत पहुंच भी गए हैं। सरकारी उपक्रम सेल जो पिछले हफ्ते हर रोज 660 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा था यह बढ़कर 850 टन के पार चली गई है। 

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