NEWS

कोरोना की तीसरी लहर ‘अपरिहार्य’ है, इसे कोई नहीं रोक सकता; सरकार ने दी चेतावनी

कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। इसे कोई नहीं रोक सकता है। हालांकि, यह कब आएगी और यह कैसे इफेक्ट करेगी, अभी कहना मुश्किल है लेकिन, इसके लिए तैयार रहना होगा।

नयी दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। इसे कोई नहीं रोक सकता है। हालांकि, यह कब आएगी और यह कैसे इफेक्ट करेगी, अभी कहना मुश्किल है लेकिन, इसके लिए तैयार रहना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में अधिकारियों ने कहा कि देश इस तीव्रता की जिस लंबी कोविड लहर का का सामना कर रहा है, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था। सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के मरीज उपचाराधीन हैं। सरकार ने कहा कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति दिख रही है। 

सरकार ने यह भी कहा कि 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है। उसने कहा कि एक मई से, नौ राज्यों में 18-44 आयु समूह के 6.71 लाख लोगों को कोविड रोधी टीका लगाया गया है। केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी। उन्होंने कहा, “हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।” 

Read more:कोरोना प्रकोप: गूगल के सीईओ ने भारत की स्थिति पर जताई चिंता, कहा- और भी खराब हो सकते हैं हालात

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित होकर घर में पृथक-वास में रह रहे लोगों और परिवारों को टेलीफोन पर परामर्शन देने के लिए आगे आएं। डॉ पॉल ने कहा, “बदलते वायरस की प्रतिक्रिया समान रहती है। हमें कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाने की जरूरत है, जैसे मास्क लगाना, दूरी बनाना, स्वच्छता, गैर जरूरी मुलाकातें नहीं करना और घर में ही रहना।” 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बीमारी पशुओं के जरिए नहीं फैल रही है, बल्कि इसका प्रसार मनुष्य से मनुष्य में हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि विदेशों से आ रही मदद की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों का एक समूह कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी तकनीकी इकाई ने यह देखने के लिए दिशा-निर्देश बनाए हैं कि उपकरण किस अस्पताल के लिए उपयुक्त होंगे। उपकरण उन अस्पतालों को भेजे जा रहे है जहां इनकी तत्काल जरूरत महसूस की गई है।”

अग्रवाल ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के 11 जिलों में पिछले 14 दिनों से मामले घट रहे हैं जबकि सतारा और सोलापुर जैसे कुछ अन्य जिलों में पिछले दो हफ्तों से मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top