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Kota: अस्पताल ने Remdesivir की जगह लगाया पानी का इंजेक्शन, महिला की हुई मौत

Kota: शहर के कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल से कोरोना मरीजों को लगने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन चुराकर उन्हें ग्लूकोज को चढ़ा देने के मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक और दो नर्सेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इनमें मृतका मरीज माया के बेटे पुनीत रोहिड़ा ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए एक परिवाद दिया था. जिस पर जवाहर नगर थाना पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. 

परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन और दो नर्सिंग कर्मी जिन्होंने इंजेक्शन बेचा था तथा उनके अलावा इलाज में जुटे डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. मृतका माया के बेटे का कहना है कि उसकी मां की हत्या अस्पताल में की गई है और दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए.

दूसरी तरफ पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करवा लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, मृतका के बेटे पुनीत का कहना है कि उनकी मां के इलाज के लिए जो भी दवा चिकित्सकों ने लिखी वो लेकर आए थे, लेकिन नर्सिंग कर्मियों ने उन्हें दवाई नहीं लगाई है. इलाज के दौरान उनकी मां की मौत हो गई. इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है.

इसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी है. वहीं, जवाहर नगर थाना पुलिस का कहना है कि जानकारी में आया है कि जो दवाइयां मृतका मरीज माया के परिजनों ने लाकर दी थी, वह पूरी नहीं लगाई और उसको बेच दिया है. इस संबंध में पहले भी महावीर नगर थाने में कार्रवाई जारी है. गैर इरादतन हत्या का मुकदमा हमने दर्ज किया है. अस्पताल के खिलाफ पूरी जांच की जाएगी.

बता दें कि कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल में भर्ती महिला मरीज माया व रतनलाल के इंजेक्शन वहां कार्यरत नर्सिंग कर्मी मनोज कुमार रेगर ने चुरा लिए थे और उन्हें ग्लूकोस के इंजेक्शन चढ़ा दिए. साथ ही, इन इंजेक्शन की कालाबाजारी कर बेचने की फिराक में मनोज कुमार व उसका भाई राकेश घूम रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ महावीर नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद जब पड़ताल आगे बढ़ाई तब सामने आया कि मृतका मरीज माया की उपचार के दौरान मौत हो गई है. वहीं, दूसरा मरीज रतनलाल अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती है. उसका आईसीयू में इलाज जारी है.

पुनीत रोहिड़ा का कहना है कि उसकी मां माया की मौत 14 तारीख को हो गई. वहीं, उसका भाई भी गंभीर रूप से एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती है. जहां पर उसकी भी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. क्योंकि मां की मौत की सूचना से वह सदमें में चला गया है. 

रोहिड़ा ने कहा कि मेरी मां को डायबिटीज थी और चिकित्सकों को यह जानकारी होने के बावजूद भी नर्सिंग स्टाफ ने वहां पर उन्हें ग्लूकोज के इंजेक्शन दे दिए इसी के चलते उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी है.

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