Uttarakhand

Positive Story : उत्तराखंड का यह कस्बा अपने बूते बना मिसाल, 14 महीनों में कोई कोरोना केस नहीं

उत्तराखंड में 15-16 मार्च 2020 को पहला कोरोना वायरस पॉज़िटिव केस पाया गया था, तबसे 14 महीनों के बाद एक छोटा सा कस्बा ऐसा है, जहां अब तक संक्रमण नहीं पहुंचा है. टिहरी के इस इलाके ने अपने दम पर कमाल कैसे किया? जानिए.

टिहरी. कोविड महामारी के दौर में सरकार से लेकर विशेषज्ञों तक सभी यह हिदायत पिछले करीब डेढ़ साल से दे रहे हैं कि सावधानी और सतर्कता ही सुरक्षा है. लोगों से यही अपील लगातार की जा रही है और ऐसी भी खबरें लगातार हैं कि लोग इन बातों को गंभीरता से नहीं ले रहे. लेकिन उत्तराखंड के एक कस्बे ने सावधानी बरतने की मिसाल इस तरह कायम की है कि जबसे कोरोना महामारी का कहर देश में टूटा है, यानी पिछले करीब सवा साल से यहां कोविड डेथ तो दूर की बात है, कोई पॉज़िटिव केस भी अब तक नहीं आया है.

टिहरी के कोटी कस्बे के लोगों ने कोविड के शुरूआती दौर से अब तक लगातार सावधानियां बरती हैं और पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर इस तरह सामंजस्य बनाया है कि अभी तक यहां कोई संक्रमण केस नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां से दूसरे शहरों या राज्यों में काम करने लोग जाते हैं और बाहर से लोग आते भी हैं, बावजूद इसके यहां इस तरह की सफलता बड़ी बात है.

कोटी ने आखिर कैसे किया कमाल

टिहरी झील से सटे कोटी कस्बे में करीब 300 की आबादी है, जिसमें कई समुदायों और राज्यों के लोग शामिल हैं. ज़्यादातर लोग यहां टीएचडीसी में नौकरी करने के साथ ही व्यवसाय पर निर्भर करते हैं. पिछले साल कोविड संक्रमण शुरू होते ही यहां के लोगों ने पक्का इरादा किया कि वो सभी सावधानियां बरतेंगे और गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करेंगे. मास्क, सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेसिंग अपनाते हुए इन लोगों ने बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी. यही नहीं, इन लोगों ने आसपास के लोगों को भी जागरूक करने का काम किया.

‘किसी को समझाने से पहले देना पड़ता है उदाहरण’

कोटी जागरूकता की अलख घरों से जगी, फिर व्यापार मंडल और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर लोगों ने गाइडलाइन को हर कीमत पर मानने का संकल्प लिया. इन दिनों भी कोटी के लोग अपने इलाके के साथ ही, आसपास के लोगों को गाइडलाइन समझा रहे हैं. महिलाओं की इसमें बड़ी भूमिका है और वो मास्क ठीक से पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने के बारे में टोकती रहती हैं. ये लोग निजी संसाधनों से लगातार सेनेटाइजेशन करवा रहे हैं. सभी का कहना है कि पहले उन्हें खुद जागरूक दिखना पड़ेगा तभी और लोग उनकी बात मानेंगे.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top