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अब ज्यादा क्यों नहीं दिखते 2000 रुपये के नोट? RBI ने किया खुलासा, इस साल सप्लाई नहीं किया एक भी नोट

RBI Annual Report: RBI की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट को देखने से पता चलता है कि रिजर्व बैंक ने धीरे-धीरे 2000 के नोटों को सिस्टम से खींचना शुरू कर दिया. वर्ष 2020-21 में भी 2,000 रुपए के एक भी नोट की सप्लाई नहीं हुई है. सरकार ने दो साल पहले से ही 2000 रुपये के नोटों की सप्लाई रोक दी है.

नई दिल्ली: RBI Annual Report: 2000 के नोट आजकल आपको ज्यादा नहीं दिख रहे हैं तो इसके पीछे एक बड़ी वजह है. दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोटों को सिस्टम से धीरे धीरे वापस लेना शुरू कर दिया है. नोटबंदी के ऐलान के बाद साल 2016 में 2000 रुपये का नोट लाया गया था, लेकिन बड़ी वैल्यू् का नोट होने की वजह से इसके फेक करेंसी मार्केट में जाने का खतरा भी ज्यादा रहता है. 

सिस्टम से कम हो रहे हैं 2000 के नोट

RBI की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट को देखने से पता चलता है कि रिजर्व बैंक ने धीरे-धीरे 2000 के नोटों को सिस्टम से खींचना शुरू कर दिया. वित्त वर्ष 2020-2021 के अंत में 2000 रुपये के 245 करोड़ नोट सर्कुलेशन में थे, जबकि इसके एक साल पहले तक इनकी संख्या 273.98 करोड़ थी. वैल्यू के रूप में देखें तो मार्च 2021 में 4.9 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट सिस्टम में थे, जबकि मार्च 2020 में इसकी वैल्यू 5.48 लाख करोड़ रुपये थी. हालांकि एक बात साफ है कि रिजर्व बैंक ने 2 हजार के नोटों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, न कोई रोक है. 

3 साल में 2000 के नोट काफी कम हुए

RBI की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2018 में 2000 के सिस्टम में 336.3 करोड़ नोट मौजूद थे, लेकिन मार्च 31, 2021 में इनकी संख्या घटकर 245.1 करोड़ रह गई है. यानी इन तीन सालों में 91.2 करोड़ नोटों को सिस्टम से बाहर कर दिया गया है. 

इस साल भी नहीं हुई 2000 के नोटों की सप्लाई

RBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल की तरह वित्त वर्ष 2020-21 में भी 2,000 रुपए के एक भी नोट की सप्लाई नहीं हुई है. सरकार ने दो साल पहले से ही 2000 रुपये के नोटों की सप्लाई रोक दी है. वित्त वर्ष 2019-20 में भी 2000 के नोटों की सप्लाई नहीं हुई थी. इसके पहले वित्त वर्ष 2018-19 में रिजर्व बैंक ने 467 लाख 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई की थी. 

सिस्टम में 500 के नोट सबसे ज्यादा

रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद कुल बैंक नोटों में 500 और 2,000 रुपये के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत था. जबकि 31 मार्च, 2020 के अंत तक यह आंकड़ा 83.4 प्रतिशत था. इसमें भी मात्रा के हिसाब से 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद नोटों में 500 रुपए के नोट का हिस्सा सबसे ज्यादा 31.1 प्रतिशत था. इसके पहले 
मार्च 2020 तक ये आंकड़ा 25.4 परसेंट था और इसके पहले वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में ये आंकड़ा 19.8 परसेंट था, यानी 500 के नोटों की संख्या लगातार सिस्टम में बढ़ी है. 500 के नोटों के बाद सिस्टम में सबसे बड़ी हिस्सेदारी 10 रुपये के नोटों की है. 31 मार्च 2021 तक इनका हिस्सा 23.6 परसेंट था, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में ये 26.2 परसेंट था. 

50 पैसे, 1 रुपये के सिक्कों पर RBI 

रिजर्व बैंक ने सिक्कों को लेकर भी जानकारी दी है, जिसमें बताया गया है कि अभी बाजार में 50 पैसे, 1 रुपये, 2, 5, 10 और 20 रुपये के सिक्के चलन में हैं. रिजर्व बैंक की तरफ से इन्हें जारी भी किया जाता है. यानी कोई भी 50 पैसे, 1 रुपये का सिक्का लेने से इनकार नहीं कर सकता है. 

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