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पीएफ अकाउंट पर सिर्फ ज्यादा ब्याज ही नहीं, बीमा भी मिलता है, जानिए पीएफ की पूरी एबीसीडी

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक बचत योजना है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम,1952 के तहत शुरू किया गया था.

नई दिल्ली. बैंक एफडी, रिकरिंग डिपॉजिट, गोल्ड, शेयर, म्यूच्यूल फंड जैसी कई जगहों पर हम निवेश करते हैं. लेकिन यदि हम प्राइवेट या सरकारी उपक्रमों में नौकरी करते हैं तो वहां पीएफ कटौती की जाती है.

आज हम इसी पीएफ कटौती के बारे में जानेंगे. पीएफ भी एक बचत योजना है, जो कि कर्मचारी के भविष्य को देखते हुए बनाई गई है. इसमें पेंशन के साथ ही रिटायरमेंट पर लमसम अमाउंट (Lumsum Amount) मिलता है. यही नहीं, कई बचत योजनाओं से ज्यादा ब्याज भी और बीमा की सुविधा भी मिलती है. आईए, आसान सवाल-जवाबों के जरिए पीएफ की पूरी एबीसीडी समझते हैं.

  • ईपीएफ क्या है?
  • कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक बचत योजना है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम,1952 के तहत शुरू किया गया था. इसे केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा प्रशासित और मैनेज किया जाता है जिसमें सरकार, नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस बोर्ड की गतिविधियों में इसकी सहायता करता है.
  • पीएफ का नियम क्या है?
  • कंपनी और कर्मचारियों एक निश्चित अंशदान पीएफ अकाउंट में करते हैं. और इस पर ईपीएफओ सालाना ब्याज देता है. साथ ही कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा भी मिलती है.
  • ईपीएफ की वर्ष 2020-21 में ब्याज दर कितनी है?
  • पीएफ पर ब्याज दर की सालाना समीक्षा की जाती है. फाइनेंशियल वर्ष 2020-21 के लिए EPF ब्याज दर 8.50% है. एक बार जब EPFO एक फाइनेंशियल वर्ष के लिए ब्याज दर लिस्टेड करता है और वर्ष समाप्त होता है, तो ब्याज दर की कैल्कुलेशन महीने-वार क्लोज़िंग बैलेंस राशि पर की जाती है और फिर पूरे वर्ष के लिए की जाती है.
  • पीएफ कांन्ट्रीब्यूशन की गणना कैसे होती है?
  • आम तौर पर EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 12-12 फीसदी है, यानी कुल 24 फीसदी. नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम (ईपीएस, EPS) में और बाकी 3.67 प्रतिशत की राशि ईपीएफ में जाती है. 10% EPF शेयर उन संगठनों/ कंपनियों के लिए वैलिड है जहां 20 से कम कर्मचारी हैं. या फिर संगठन/ कम्पनियां जिनका नुकसान (फाइनेंशियल वर्ष के अंत में) उनकी कुल संपत्ति के बराबर या ज्यादा हुआ है और उसे औद्योगिक और फाइनेंशियल रेज़ोल्यूशन बोर्ड द्वारा बीमार (Sick) घोषित किया गया है.
  • क्या 15 हजार रुपए से ज्यादा की सैलरी पर पीएफ मैनडेटरी है?
  • हां. लेकिन नियोक्त और कर्मचारी चाहे तो पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन 15000 रुपए के वेतन की लिमिट पर रख सकता है. वहीं, कर्मचारी चाहे तो अपने 12 प्रतिशत की योगदान को बढ़ा भी सकता है. इसके लिए वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) का विकल्प है, जो कि 12 फीसदी से ऊपर के योगदान को कहा जाता है. VPF के तहत कर्मचारी चाहे तो पीएफ में अपनी बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक कान्ट्रीब्यूट कर सकता है.
  • सैलरी के लिए पीएफ की मौजूदा लिमिट क्या है?
  • पीएफ की लिमिट सैलरी के 12 प्रतिशत ही है. लेकिन यदि सालाना 5 लाख रुपए से ज्यादा का अंशदान है तो इससे होने वाली ब्याज आय टैक्स के दायरे में आएगा. टैक्स चुकाकर कर्मचारी अपने वेतन का जितना चाहे अंशदान जमा कर सकता है.
  • क्या पीएफ ग्रॉस सैलरी पर कैलकुलेट होता है?
  • बिना टैक्‍स काटे जो बेसिक पे और भत्‍तों को जोड़कर सैलरी बनती उसे ग्रॉस सैलरी कहते हैं. इसमें बोनस, ओवर टाइम पे, हॉलिडे पे और अन्‍य मद के भत्‍ते शामिल होते हैं. इस पर पीएफ कैलकुलेट नहीं होता है. पीएफ बेसिक सैलरी के आधार पर काटा जाता है. बैसिक सैलरी किसी कर्मचारी की बेस इनकम होती है. सभी कर्मचारियों के लेवल के आधार पर यह फिक्‍स होती है. यह कर्मचारी के पद और जिस उद्योग में वह काम कर रहा है उसके अनुसार होती है. अभी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के जोड़ पर पीएफ काटा जाता है.
  • पीएफ अकाउंट पर इंश्योरेंस की सुविधा भी है क्या?
  • EPFO मेंबर्स को इंश्योरेंस कवर की सुविधा एम्‍प्लॉई डिपॉजिट लिंक्‍ड इंश्योरेंस स्‍कीम (EDLI Insurance cover) के तह‍त मिलती है. स्‍कीम में नॉमिनी को अधिकतम 7 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर (EPF Covid Claim) के तहत भुगतान किया जा सकता है.
  • पीएफ के लिए कितने कर्मचारियों का होना जरूरी है?
  • जिस संस्थान/ कंपनी में कम से कम 20 लोग काम कर रहे हैं, वो संगठन श्रमिकों को EPF लाभ देने के लिए उत्तरदायी है. जिस संगठन अथवा फर्म में श्रमिकों की अधिकतम संख्या 19 हो तब कॉन्ट्रीब्यूशन 10 प्रतिशत रह सकता है.
  • क्या पीएफ अमाउंट का 100 प्रतिशत राशि विदड्राल किया जा सकता है?
  • EPF को केवल रिटायर्मेंट , बेरोजगारी अथवा कुछ विषम परिस्थितियों के दौरान ही निकाला जा सकता है. रिटायर्मेंट के बाद या दो महीनों की लगातार बेरोजगारी के बाद ही पूर्ण निकासी की जा सकती है. नए नियम के अनुसार EPFO बेरोजगारी के 1 महीने के बाद EPF निधि से 75% राशि निकालने की अनुमति देता है. आप लगातार 2 महीनों तक बेरोज़गार रहते हैं, तो आप शेष 25% फंड भी निकाल सकते हैं. इस बीच यदि नई नौकरी मिल गई है तो शेष 25% राशि को एक नए EPF खाते में ट्रान्सफर किया जा सकता है
  • पीएफ नियम में फार्म 31 क्या है?
  • EPF फॉर्म 31 का इस्तेमाल आपके खाते से राशि निकालने के लिए किया जाता है. हालांकि, पीएफ खाते से रिटायर्मेंट से पहले राशि निकालने के अनुमति केवल कुछ विशिष्ट स्थितियों जैसे कि घर की खरीद/ निर्माण, होम लोन का भुगतान, मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की शादी / या बच्चे / भाई की शिक्षा है.

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