SPORTS

कभी Milkha Singh ने झेला था बंटवारे का जख्म, फिर दुनिया में ऐसे बढ़ाई तिरंगे की शान

भारत के मिल्खा सिंह (Milkha Singh) का कोरोना के चलते निधन हो गया है. अपनी जिंदगी में उन्होंने योद्धा की तरह लड़ाई की है और युवा पीढ़ी के लिए वो एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं.  

नई दिल्ली: भारत ने अपने नायाब हीरे को खो दिया. महान एथलीट मिल्खा सिंह अब हमारे बीच में नहीं रहे. उनका कोविड-19 की वजह से निधन हो गया. भारत की हर पीढ़ी मिल्खा सिंह को सलाम करती है. ओलिंपिक खेलों में वह भले ही मेडल जीतने से चूक गए थे लेकिन एक समय था जब दुनिया भर में उनके नाम का डंका बजता था. 

बंटवारे में मिल्खा सिंह ने खोया अपना आधे से ज्यादा परिवार

फ्लाइंग सिख’ नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का जन्म साल 1929 में पाकिस्तान के मुजफरगढ़ के गोविंदपुरा में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाईयों का सामना किया. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त उनको भारत आना पड़ा लेकिन उस दौरान उन्होंने 14 में से आठ भाई बहनों और माता-पिता को खो दिया.

इन सब यादों के साथ वो भारत आए और सेना में शामिल हो गए. सेना में भर्ती होना मिल्खा सिंह का सबसे जबर्दस्त फैसला था. इस फैसले ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी और एक क्रॉस-कंट्री रेस ने उनके प्रभावशाली करियर की नींव रखी. इस दौड़ में 400 से अधिक सैनिक शामिल थे और इसमें उन्हें छठा स्थान हासिल किया था.

मिल्खा सिंह का करियर

इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए चुना गया. उन्होंने तीन ओलंपिक 1956 मेलबर्न, 1960 रोम और 1964 टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने हिस्सा लिया. रोम के 1960 ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के 1964 ग्रीष्म ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था. इसके साथ ही उन्होंने 1958 और 1962 के एशियाई खेलो में भी स्वर्ण पदक जीता था. 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में उन्होंने पूर्व ओलंपिक कीर्तिमान तोड़ा, लेकिन पदक से वंचित रह गए. इस दौरान उन्होंने ऐसा नेशनल कीर्तिमान बनाया, जो लगभग 40 साल बाद जाकर टूटा.

मिल्खा सिंह ऐसे बने थे ‘फ्लाइंग सिख’ 

पाकिस्तान में हुए एक इंटरनेशनल एथलीट में मिल्खा सिंह ने भाग लिया. उनका  मुकाबला अब्दुल खालिक से हुआ. यहां मिल्खा ने अब्दुल को हराकर इतिहास रच दिया. इस जीत के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ की उपाधि से नवाजा.

अब्दुल खालिक को हराने के बाद उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान मिल्खा सिंह से कहा था, ‘आज तुम दौड़े नहीं उड़े हो. इसलिए हम तुम्हे फ्लाइंग सिख के खिताब से नवाजते हैं’. इसके बाद से मिल्खा सिंह को पूरी दुनिया में ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से जाना जाने लगा.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top