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PF का पैसा निकालना नहीं है फायदे का सौदा, ₹1 लाख के विड्रॉल से होता है ₹11.55 लाख का नुकसान

PF Withdrawal: महामारी कोरोना के चलते कई लोगों ने अपनी बरसों से जमा पूंजी को भी खर्च में लगा दिया. खासकर नौकरीपेशा पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ. नौकरीपेशा का सबसे ज्यादा साथ प्रोविडेंट फंड ने दिया. EPFO के मुताबिक, लोगों ने कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा फंड निकाला. 71 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना PF खाता बंद कर दिया. महामारी के हालात में पैसा निकालना तो ठीक था, लेकिन ज्यादातर लोग अपने PF अकाउंट से कभी भी पैसा विड्रॉ करते हैं. यह सही नहीं है. PF एक रिटायरमेंट फंड (Retirement Fund) है, इसे समय से पहले निकलने से काफी बड़ा नुकसान होता है. 

एक बार विड्रॉल से कितना कम होगा Retirement Fund?

EPFO के रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर ए.के. शुक्ला के मुताबिक, मान लीजिए रिटायरमेंट में 30 साल बचे हैं और आपने PF अकाउंट से 1 लाख रुपए का विड्रॉल (PF Withdrawal) किया तो इस एक बार के विड्रॉल से आपका रिटायरमेंट फंड 11.55 लाख रुपए कम हो जाएगा. 

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PF विड्रॉल20 साल बाद कितना नुकसान30 साल बाद कितना नुकसान
50 हजार रुपए2 लाख 5 हजार रुपए5 लाख 27 हजार रुपए
1 लाख रुपए5 लाख 11 हजार रुपए11 लाख 55 हजार रुपए
2 लाख रुपए10 लाख 22 हजार रुपए23 लाख 11 हजार रुपए
3 लाख रुपए15 लाख 33 हजार रुपए34 लाख 67 हजार रुपए

नोट: टेबल में ब्याज की गणना सालाना आधार (मौजूदा ब्याज दर) पर की गई है.

इमरजेंसी न हो तो विड्रॉल न करें

ए.के. शुक्ला के मुताबिक, EPFO के नियमों के मुताबिक 58 की उम्र में जब आप रिटायर होंगे, तो ये पैसा काम आएगा. अगर आपके साथ कोई इमरजेंसी नहीं है तो प्रोविडेंट फंड (Retirement Fund) का पैसा नहीं निकालने चाहिए. फिलहाल, PF पर 8.5 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. सभी छोटी बचत योजनाओं में यह सबसे ज्यादा ब्याज है. इसलिए आपके अकाउंट में जितना ज्यादा पैसा होगा, उतना ज्यादा ही ब्याज का फायदा होगा. वहीं, अगर PF अकाउंट से विड्रॉल होगा तो रिटायरमेंट फंड पर उतना ही असर पड़ेगा.

Provident Fund में कंट्रीब्यूशन?

EPFO के मुताबिक, नौकरीपेशा की हर महीने की बेसिक सैलरी से वेतन और महंगाई भत्ते (Basic salary+DA) को मिलाकर 12 फीसदी रकम PF अकाउंट में जमा होती है. एम्प्लॉयर की तरफ से भी कंट्रीब्यूशन होता है. PF अकाउंट में दो तरह से फायदा मिलता है. पहला EPF का हिस्सा और दूसरा पेंशन (EPS) का हिस्सा. पेंशन में एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन का 8.33 फीसदी जमा होता है. वहीं, 3.67 फीसदी प्रोविडेंट फंड में जमा होता है. पूरे पैसे पर कम्पाउंडिंग के आधार पर ब्याज मिलता है यानि हर साल ब्याज पर ब्याज का भी फायदा मिलता है.

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