भारतीय स्टार्टअप्स ने इस साल के पहले छह महीनों में वेंचर कैपिटलिस्ट्स और प्राइवेट इक्विटी फर्मों से 12.1 बिलियन डॉलर जुटाए हैं.
मुंबई. भारतीय स्टार्टअप्स ने इस साल के पहले छह महीनों में वेंचर कैपिटलिस्ट्स और प्राइवेट इक्विटी फर्मों से 12.1 बिलियन डॉलर जुटाए हैं. इसने पिछले कैलेंडर साल की कुल फंडिंग को 1 बिलियन डॉलर से पछाड़ दिया है. यह बात वेंचर इंटेलिजेंस द्वारा ईटी के साथ शेयर किए गए आंकड़ों से पता चलती है.
फंड के निरंतर प्रवाह ने स्टार्टअप की रिकॉर्ड संख्या को यूनिकॉर्न क्लब में बदल दिया है. बता दें कि यूनिकॉर्न उस निजी स्टार्टअप कंपनी को कहते हैं जिसकी वैल्यूएशन एक अरब डॉलर होती है.
वेंचर कैपिटलिस्ट्स, एंटरप्रेन्योर और इंडस्ट्री इनसाइडर ने कहा कि कोविड -19 महामारी के बाद बिजनेस में डिजिटल तकनीक को अपनाने के कारण युवा और विकसित स्टार्टअप को ज्यादा फंडिंग मिल रही है. आंकड़ों से पता चला है कि पिछले छह महीनों में 100 मिलियन डॉलर से अधिक के फंडिंग राउंड थे.
जनवरी-जून की अवधि में कुछ प्रमुख फंड रेजिंग करने वालों में एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बायजूस (Byju) (1 बिलियन डॉलर), फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (800 मिलियन डॉलर), जोमैटो (576 मिलियन डॉलर), क्षेत्रीय भाषा सोशल मीडिया ऐप शेयरचैट 502 मिलियन डॉलर और गेमिंग स्टार्टअप ड्रीम11 (400 मिलियन डॉलर) शामिल हैं.
2020 की दूसरी छमाही में 19 की तुलना में इस साल की पहली छमाही में 31 ऐसे डील्स हुए. 2020 की पहली छमाही में 100 मिलियन डॉलर से अधिक के 9 डील हुए.