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PM SVANidhi: पीएम स्वनिधि में कॉमन सर्विस सेंटर से भी मिलेगा लोन, जानें इस बारे में सब कुछ

PM SVANidhi: रेहड़ी पटरी वालों और छोटी मोटी दुकान लगाकर आजीविका चलाने वालों के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना (PM SVANidhi) या या पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत अब छोटा मोटा कारोबार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये तक का कर्ज लेना और भी आसान हो गया है. यह लोन देशभर में फैले 3.8 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए भी लिया जा सकता है. सरकार की डिजिटल और ई-गवर्नेंस सेवा इकाई सीएससी ई- गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया ने यह जानकारी दी है.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा फंडेड है. इसका उद्देश्य रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को 10 हजार रुपये तक का कैपिटल लोन उपलब्ध कराया जाए. स्‍कीम के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है. डिजिटल लेनदेन पर उन्‍हें पुरस्कृत किया जाता है.

PM SVANidhi: स्कीम की खासियत

यह लोन एक साल की अवधि के लिए होगा और इसका मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा. कर्ज के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाएगी. इस तरह यह एक तरह का अनसिक्‍योर्ड लोन होगा. इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को 7 फीसद का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा. इस स्कीम के तहत जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है. सभी कारोबारियों को डिजिटल लेनदेन करना होगा, उन्हें इसमें कैशबैक की पेशकश मिलेगी. स्‍कीम के लिए सिडबी को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है और अब तक इसके तहत 2 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. जबकि 50 हजार कारोबारियों को कर्ज मंजूर किया गया है.

स्कीम के लिए 5000 करोड़

सरकार ने स्‍ट्रीट वेंडर्स के लिए शुरू की गई इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. इसके लिए कोई कड़ी शर्त नहीं होगी. यह आसान शर्तों के साथ मिल जाएगा.

किसे मिलेगा इस योजना का लाभ

इस विशेष क्रेडिट स्कीम के तहत 24 मार्च, 2020 तक या उससे पहले वेंडिंग करने वाले 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स कर्ज ले सकते हैं. इसमें सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाएगा. फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गई हैं. इन्‍हें चलाने वाले भी यह लोन ले सकते हैं. माना जा रहा है कि इस योजना से 50 लाख को फायदा होगा.

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