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DNA ANALYSIS: SSC, Railway और Banking के लिए CET, समझिए क्या होगी परीक्षा की पूरी प्रक्रिया

नई दिल्ली: आज हम देश के उन तीन करोड़ युवाओं की बात करेंगे जो हर साल रोजगार हासिल करने के लिए एएससी, रेलवे और बैंकिंग की प्रारंभिक परीक्षाएं देते हैं. सरकार ने इन तीनों विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाओं के सिस्टम को खत्म कर दिया है और इनकी जगह कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (Common Eligibilty Test) कराने का फैसला लिया है. किसी भी व्यक्ति के जीवन में रोजगार बहुत महत्वपूर्ण होता है और भारत के करोड़ों युवा इसी सपने के साथ बड़े होते हैं कि एक न एक दिन वो सरकारी नौकरी कर पाएंगे. लेकिन आज के बाद से सरकारी नौकरी पाने का रास्ता पूरी तरह से बदल जाएगा और ये पहले से आसान भी हो जाएगा. इसलिए आज हम सबसे पहले सरकारी नौकरियों की ही बात करेंगे.

अलग-अलग आवेदन पत्र नहीं देने होंगे

अब भारत के करोड़ों युवाओं को बैंकिंग, रेलवे और स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC की मुख्य परीक्षाओं में बैठने के लिए अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाएं नहीं देनी होंगी. इससे पहले इन विभागों के लिए तीन चरण में परीक्षाएं देनी होती थी. सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा होती थी, इसके बाद मुख्य परीक्षा और आखिर में इंटरव्यू के जरिए किसी उम्मीदवार का चयन किया जाता था.

लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब इन अलग-अलग सरकारी विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं नहीं देनी होंगी, बल्कि इन तीनों के लिए एक Common Eligibilty Test यानी CET का आयोजन होगा. पहले हर प्रारंभिक परीक्षा के लिए अलग आवेदन पत्र और अलग परीक्षा केंद्र होते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब एक ही परीक्षा, एक ही परीक्षा केंद्र और एक ही आवेदन पत्र से काम चल जाएगा.

केंद्र सरकार की कैबिनेट ने पहले के उलझे हुए सिस्टम को अब समाप्त कर दिया है. कैबिनेट की बैठक में Common Eligibility Test कराने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (National Recruitment Agency) यानी NRA के गठन को मंजूरी दे दी गई है.

देश में फिलहाल 20 भर्ती एजेंसियां हैं जो अलग-अलग सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करवाती हैं, लेकिन अब NRA के गठन के बाद वर्ष 2021 से Banking, रेलवे और SSC की मुख्य परीक्षा में चयन के लिए एक ही परीक्षा पास करनी होगी. बाकी विभागों की परीक्षाओं को भी जल्द ही कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी CET के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है.

12 भाषाओं में प्रश्नपत्र

इससे फायदा ये होगा कि CET की परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार ये फैसला कर सकता है कि उसे सबसे पहले बैंकिंग की मुख्य परीक्षा देनी है या फिर रेलवे और SSC की मुख्य परीक्षा देनी है. CET में हासिल किए गए अंकों यानी मार्क्स की वैधता तीन साल की होगी  यानी अगर कोई युवा चाहे तो इन्हीं नंबर्स के आधार पर पहले साल रेलवे, दूसरे साल बैंकिंग और तीसरे साल SSC की परीक्षा दे सकता है. ये हम आपको सिर्फ उदाहरण के लिए समझा रहे हैं. तीन वर्षों के दौरान ये परीक्षाएं देने का क्रम कुछ भी हो सकता है और ये उम्मीदवार की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वो पहले कौन सी मुख्य परीक्षा देना चाहता है.

सरकार की कोशिश की है कि आने वाले समय में सरकारी नौकरियों के लिए बाकी की प्रवेश परीक्षाएं भी Common Eligibility Test के माध्यम से ही आयोजित कराई जाएं.

एक वर्ष में 2 बार CET का आयोजन

नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी अभी एक वर्ष में 2 बार CET का आयोजन करेगी. इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव सवालों वाले प्रश्नपत्र होंगे. इन परीक्षाओं में अभी तक केवल 2 भाषाओं में ही प्रश्न पूछे जाते थे और ये भाषाएं आम तौर पर हिंदी और अंग्रेजी ही हुआ करती थीं. लेकिन अब छात्रों को 12 भाषाओं में प्रश्नपत्र हल करने का विकल्प दिया गया है. भविष्य में इन परीक्षाओं का आयोजन भारत की सभी 22 आधिकारिक भाषाओं में कराया जाएगा यानी उम्मीदवार जल्द ही अपनी क्षेत्रीय भाषा में भी ये परीक्षा दे पाएंगे.

उम्मीदवारों को सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि तीन प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए एक ही आवेदन करना होगा, एक ही शुल्क देना होगा और एक ही बार एग्जाम में बैठना होगा यानी इससे पैसा और समय बचेगा और अलग अलग परीक्षाओं के तनाव से छुटकारा मिल जाएगा.

अब आप इस पूरी खबर को सवालों और उनके आसान जवाबों के रूप में समझिए-

पहला सवाल यही है कि आखिर CET यानी Common Eligibilty Test है क्या ?

दरअसल ये केंद्र सरकार से जुड़ी नौकरियों के लिए ऑनलाइन आयोजित होने वाली प्रारंभिक परीक्षा है जिसे Common Eligibilty Test नाम दिया गया है.

दूसरा सवाल ये है कि ये परीक्षाएं कौन दे सकता है?

ऑनलाइन होने वाली इस परीक्षा में ग्रेजुएशन, 12वीं और 10वीं की परीक्षा पास कर चुके छात्र हिस्सा ले सकते हैं. लेकिन क्योंकि ये परीक्षा अलग अलद पदों के लिए आयोजित होगी. इसलिए पदों के हिसाब से ही अलग अलग प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे.

तीसरा सवाल ये है कि CET के माध्यम से किन विभागों में नौकरी मिल सकती है ?

फिलहाल सिर्फ स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC, रेलवे और बैंकिंग के लिए ही ये Common Eligibility Test आयोजित होगा. लेकिन ध्यान रखें ये सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा है इसे पास करने के बाद आपको इन सभी विभागों की मुख्य परीक्षाओं को भी पास करना होगा और इंटरव्यू भी क्लीयर करना होगा तभी आपकी नियुक्ति किसी पद पर हो पाएगी.

चौथा सवाल ये है कि कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का फायदा क्या है?

अलग-अलग भर्तियों के लिए एक ही परीक्षा होने से उम्मीदवारों के पैसे बचेंगे. पहले अलग-अलग परीक्षाओं के लिए अलग अलग फॉर्म्स, अलग अलग एग्जाम फीस और अलग अलग परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए उम्मीदवारों को काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे. लेकिन अब उम्मीदवारों के पैसे, समय और ऊर्जा तीनों की बचत होगी. सरकार को भी अलग अलग परीक्षाएं आयोजित नहीं करानी पड़ेगी और इससे सरकार के खर्च में भी काफी कमी आएगी.

कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट होने से उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया भी छोटी हो जाएगी यानी मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए नतीजों का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. ये परीक्षा कई भाषाओं में होगी जिससे देश के हर कोने में बैठे उम्मीदवार को चयन में बराबरी का मौका मिलेगा. अभी इन विभागों में भर्ती के लिए 18 महीने से ज्यादा का समय लग जाता है.

इस परीक्षा में मिले स्कोर को अगले तीन साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है. उम्र की अधिकतम सीमा तक पहुंचने से पहले उम्मीदवार इस परीक्षा को जितनी बार चाहे उतनी बार दे सकता है. इस स्कोर को केंद्र सरकार, राज्य सरकार केंद्र शासित प्रदेशों और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के साथ भी शेयर किए जाने की योजना है.

इससे महिला उम्मीदवारों को भी बहुत फायदा होगा, क्योंकि उन्हें परीक्षा केंद्रो तक जाने के लिए लंबी यात्राएं नहीं करनी पड़ेंगी.

इससे परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी 5 प्रतिशत तक घट सकती है और ट्रेनों और बसों के जरिए परीक्षा केंद्र पर जाने वाले छात्रों की परेशानी कम हो जाएगी, इससे जुड़ी तस्वीरें आपने कई बार देखी होंगी.

पांचवां सवाल ये है कि ये परीक्षाएं कहां आयोजित होंगी ?

इसके लिए सरकार ने एक हजार परीक्षा केंद्र बनाए हैं. हर जिले में एक परीक्षा केंद्र होगा इसके अलावा सरकार ने सरकार ने उन 117 जिलों को भी इसके लिए चुना है. जिन्हें सरकार युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से विकसित करना चाहती है. CET की परीक्षा इन जिलों के परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होंगी और ये पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगी. अभी तक ये परीक्षाएं सिर्फ बड़े जिलों में आयोजित होती थीं. लेकिन अब देश के छोटे जिलों के युवा भी इनमें हिस्सा ले पाएंगे.

और आखिरी सवाल ये है कि इन परीक्षाओं का Curriculum यानी पाठ्यक्रम कैसा होगा ?

तो इसका जवाब ये है कि CET के लिए एक ही पाठ्क्रम होगा. लेकिन अलग अलग पदों के हिसाब से उम्मीदवारों से पूछे जाने वाले सवालों का स्तर भी अलग अलग होगा यानी 10वीं पास करने के बाद CET देने वाले उम्मीदवार से ग्रेजुएशन कर चुके उम्मीदवार के मुकाबले आसान सवाल पूछे जाएंगे.

SSC, बैंकिंग और रेलवे की प्रारंभिक परीक्षाओं में हर साल ढाई से तीन करोड़ उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं और इनसे देश के करोड़ों परिवारों का भविष्य प्रभावित होता है. इसलिए आज हमने राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की खबरें दिखाने से पहले आपको इस खबर के बारे में बताया क्योंकि हमारा मानना है कि सबसे बड़ी खबर वही है जो आपको और आपके परिवार को प्रभावित करती है.

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