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दिल्ली में आज भी प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में, कोरोना के आंकड़ों ने भी डराया

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में आज भी प्रदूषण (Pollution) का स्तर गंभीर श्रेणी में है. शहर में इस वक्त एयर क्वालिटी इंडेक्स 413 है.

दिल्ली-NCR में प्रदूषण ने हाल किया बेहाल 
दिल्ली से सटे नोएडा का बात की जाए तो वहां पर प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा हुआ है. नोएडा में इस समय एयर क्वालिटी इंडेक्स 527 बना हुआ है. वहीं गुरुग्राम में AQI 439 बना हुआ है. दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों प्रदूषण जहर बनकर आसमान पर छाया है. ये दीवाली से पहले का भयानक ट्रेलर है. दीवाली के बाद की अगली सुबह प्रदूषण की भयानक पिक्चर दिख सकती है. ऐसे में ये दिवाली, दो महामारी वाली भी हो सकती है

दिवाली में सेहत पर सबसे बड़ा ख़तरा !  
प्रदूषण और वायरस के इस डबल अटैक ने दिवाली से पहले दिल्ली वालों का डर बढ़ा दिया है. देश की राजधानी दिल्ली और आस पास के इलाकों का जब अभी सांस लेना मुश्किल है. आंखों में जलन हो रही है तो दिवाली कैसे बीतेगी. क्या दिवाली में दिल्ली गैस चेंबर में बदल जाएगी 

दिल्ली गैस चैंबर बनने वाली है?
फिलहाल प्रदूषण लगातार गंभीर स्थिति में चल रहा है. आने वाले वक्त में भी सुधार की कोई गुजाइश नजर नहीं आ रही है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि दिल्ली गैस चैंबर बनने वाली है. मौसम वैज्ञानिक महेश पल्हावत का कहना है कि दिवाली तक बारिश की कोई संभावना नहीं है. ऐसे में उत्तर भारत समेत दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर इतना ही बना रहेगा. हो सकता है कि हवा धीरे-धीरे और ज्यादा जहरीली हो जाए.

लेकिन देश की राजधानी पर संकट सिर्फ प्रदूषण का नहीं है. बुरी खबर ये है कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है. बढ़ता प्रदूषण कोरोना वायरस को भी दिल्ली में ताकतवर बना रहा है.

दिल्ली में कोरोना की ‘तीसरी लहर’
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 7,745 नए मामले सामने आए हैं. दिल्ली में 77 लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 6,989 तक पहुंच गई है. दिल्ली में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख 38 हजार 529 हो गई है. इनमें से 40258 कोरोना के सक्रिय मामले हैं. दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 15.26 प्रतिशत बनी हुई है. 

दिल्ली में कोरोना का चल रहा है पीक: सत्येंद्र कुमार जैन
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन ने कहा कि पिछले 8 महीने के अनुभव से लग रहा है कि ये कोरोना की तीसरी लहर है. पहली लहर 23 जून को, दूसरी लहर 17 सितंबर को और तीसरी लहर रविवार से शुरू हो गई है. तीसरी लहर में 7 हजार केस आए हैं. उसे शायद पीक ही कहना चाहिए.

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