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विशालकाय Black Hole के करीब आई पृथ्वी, क्या खत्म होने वाला है सबकुछ?

जापान के रेडियो एस्ट्रोनॉमी प्रोजेक्ट द्वारा एक नक्शा प्रकाशित किया गया है, जिसके अनुसार पृथ्वी मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) के केंद्र में स्थित विशालकाय ब्लैक होल के करीब है. वैज्ञानिकों ने कई तथ्यों के आधार पर पुरानी थ्योरी से अलग तस्वीर पेश की है.

खास बातें

  1. पहले की थ्योरी के उलट है निष्कर्ष
  2. Sagittarius A* नामक ब्लैकहोल के चक्कर लगा रहा हमारा सौरमंडल
  3. वैज्ञानिकों के इस अध्ययन से भविष्य में मिलेगी मदद

टोक्यो: पृथ्वी और ब्लैक होल (Black Hole) को लेकर नई जानकारी सामने आई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरुआत में पृथ्वी और ब्लैक होल की दूरी को लेकर जो थ्योरी पेश की गई थी, असलियत उससे कुछ अलग है. इस संबंध में जापानी रेडियो खगोल विज्ञान परियोजना VERA द्वारा एक नक्शा जारी किया गया है. जो दर्शाता है कि पृथ्वी मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) के केंद्र में स्थित विशालकाय ब्लैक होल से पहले के मुकाबले ज्यादा करीब है.  

तेजी से लगा रहा चक्कर

शोध में यह भी पाया गया है कि हमारा सौरमंडल Sagittarius A* नाम के इस ब्लैकहोल के चक्कर भी तेजी से लगा रहा है. इसकी स्पीड लगभग 7 किमी/सेकंड है. रेडियो एस्ट्रोमेट्री के VLBI  एक्सप्लोरेशन द्वारा तैयार नए ड्राफ्ट के अनुसार, सुपरमैसिव ब्लैक होल (Black Hole) अब पृथ्वी (Earth) से 25,800 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है, जबकि, 1985 में, इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने इसे 27,700 प्रकाश वर्ष बताया था. 

2000 में शुरू हुआ था Project

एक आधिकारिक बयान में  जापान की नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी ने बताया कि जापानी अंतरिक्ष शोधकर्ताओं ने वैरी लॉन्ग बेसलाइन इंटरफेरोमेट्री (VLBI) का उपयोग करके वर्ष 2000 में मिल्की वे में तीन आयामी वेग और स्थानिक संरचनाओं को मापने के लिए परियोजना शुरू की थी. नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, स्पेस जियोडैटिक तकनीक एक खगोलीय रेडियो स्रोत से अंतरिक्ष से सिग्नल एकत्र करती है. इस तकनीक का उपयोग करते हुए 15 वर्षों के ऑब्जर्वेशन संकलित किये गए थे. जापानी प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने मिल्की वे और पृथ्वी की स्थिति के तीन-आयामी वेग और स्थानिक संरचनाओं को मैप किया और VERA के एस्ट्रोमेट्री कैटलॉग में नक्शा प्रकाशित किया गया, जिसमें 99 अन्य खगोलीय वस्तुओं का डेटा भी है.

Sun से कहीं गुना बड़ा

इस विशालकाय ब्लैक होल को Sagittarius A* या Sgr A * के नाम से जाना जाता है. इसका आकार  सूर्य के आकार से 4.2 मिलियन गुना ज्यादा है. इसे पहली बार रेइनहार्ड गेंजल (Reinhard Genzel) और एंड्रिया गेज (Andrea Ghez) ने नासा की Chandra X-ray Observatory इस्तेमाल करके खोजा था. VERA का लक्ष्य सुपरमैसिव ब्लैकहोल के आसपास की वस्तुओं के बारे में अधिक विवरण प्राप्त करना है.  

Two dimension नक्शा बनाना आसान है
वैज्ञानिकों का कहना है कि चूंकि हमारा सौरमंडल Sagittarius A* के अंदर की ओर नहीं जा रहा है इसलिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है. वैज्ञानिकों ने तीन-आयामी वेग के आधार पर यह नक्शा तैयार किया है, जो कि सबसे मुश्किल काम है. मिल्की वे का सटीक नक्शा बनाने में यही सबसे बड़ी चुनौती थी. दो आयामी (Two dimension) स्तर पर अंतरिक्ष के तारों और दूसरे पिंडों का नक्शा बनाना आसान है, मगर इन पिंडों के बीच की दूरी का अनुमान लगाना मुश्किल.

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