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Positive India : यह नई तकनीक दुनिया में बिजली की खपत 25% तक कर सकती है कम, भारत से भी नाता

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टर्नटाइड टेक्नोलॉजी स्टार्टअप में अमेजन बिल गेट्स और अभिनेता राबर्ट डाउनी जूनियर ने भारी-भरकम निवेश किया है। हाल में कंपनी ने घोषणा की है कि कंपनी में 80 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। निवेशकों में सबसे आगे ब्रेकथ्रू एनर्जी वेंचर और बिल गेट्स के नेतृत्व वाले फंड्स हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। फ्रिज, वेंटिलेटर, एसी हो या कार, सभी में इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल होता है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की 40 फीसद ऊर्जा की खपत इन्हीं इलेक्ट्रिक मोटर के संचालन में होती है। अब अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को के एक स्टार्टअप ने एक नई तकनीक पेश की है, जिससे इन मोटर पर खर्च होने वाली बिजली को 67 फीसद तक कम किया जा सकता है।

टर्नटाइड टेक्नोलॉजी स्टार्टअप में अमेजन, बिल गेट्स और अभिनेता राबर्ट डाउनी जूनियर ने भारी-भरकम निवेश किया है। हाल में कंपनी ने घोषणा की है कि कंपनी में 80 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। निवेशकों में सबसे आगे ब्रेकथ्रू एनर्जी वेंचर और बिल गेट्स के नेतृत्व वाले फंड्स हैं, जिनका लक्ष्य जीरो कार्बन उत्सर्जन है। कंपनी में अब तक कुल 180 मिलियन डॉलर का निवेश हो चुका है।

टर्नटाइड टेक्नोलॉजी के मुताबिक, अभी फ्रिज और कार में इस्तेमाल होने वाली मोटर काफी ऊर्जा की खपत करती है। टर्नटाइड की मोटर का कई जगहों पर इस्तेमाल होने लगा है। इससे कार्बन फुटप्रिंट के साथ ऊर्जा का खर्च भी काफी कम होगा। बीएमडब्ल्यू की इमारतों, व्यावसायिक रियल एस्टेट कंपनी जेएलएल और फाइव गाएज में इनका प्रयोग हो रहा है। वहीं, कई डेयरी फार्म के कूलिंग सिस्टम में भी ये लगे हैं। अब कंपनी जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों में इस मोटर को लगाने पर जोर देगी।

टर्नटाइड टेक्नोलॉजी के सीईओ रयान मोरिस के मुताबिक, उनका लक्ष्य काफी महात्वाकांक्षी है। अगर दुनिया का हर इलेक्ट्रिक मोटर उनके नए मोटर से रिप्लेस हो जाए तो दुनिया का कार्बन उत्सर्जन एक चौथाई कम हो जाएगा।

क्या है नई तकनीक

टर्नटाइड टेक्नोलॉजी के वाइस प्रेसिडेंट भारतीय मूल के पीयूष देसाई के मुताबिक, दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले पुराने मोटर में इस्तेमाल होने वाली मौजूदा तकनीक एक सदी पुरानी है। इन्हें एसी इंडक्शन मोटर कहा जाता है। अब नए मोटर में अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर, मशीन लर्निंग और इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है, जिससे मोटर ज्यादा कारगर बन जाती है। टर्नटाइड टेक्नोलॉजी कहती है कि पहले मोटर ने दुनिया को बदला था और दूसरा, मोटर दुनिया को बचाएगी। पुरानी मोटर में इलेक्ट्रिक एनर्जी मेकेनिकल एनर्जी में बदलती है, जबकि नए मोटर में इलेक्ट्रिक एनर्जी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी में बदली जाती है।

नए स्मार्ट मोटर क्लाउड से जुड़े हैं और सॉफ्टवेयर से चलते हैं। ये स्विच रिलुक्टेंश मोटर हैं। यह पुरानी मोटर से 33 फीसद ज्यादा क्षमता वाले हैं। इसके तीन हिस्से होते हैं- मोटर, कंट्रोलर और क्लाउड। इसलिए जरूरत और वातावरण के हिसाब से स्मार्ट मोटर की रफ्तार को बदला जा सकता है। ये 20 हजार बार घूम सकते हैं, जबकि पुरानी मोटर एक ही रफ्तार से चलती है।

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