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दिल्ली का एक ऐसा अस्पताल जहां इलाज के दौरान नहीं हुई एक भी कोरोना मरीज की मौत

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda) का दावा है कि इलाज के लिए जो भी कोरोना के मरीज यहां भर्ती हुए उस दौरान उनमें से किसी की भी मौत नही हुई. यहां भर्ती 94 फीसदी कोरोना मरीजों का इलाज आयुर्वेद से ही किया गया, जिसमें आयुर्वेदिक दवाएं, योग और प्राणायाम शामिल है.

नई दिल्ली. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda) में अब तक 600 कोरोना मरीजों का इलाज हो चुका है. खास बात ये है कि इस अस्पताल में इलाज के दौरान एक भी कोरोना मरीज की मौत नही हुई. हल्के और कम गम्भीर कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है. यहां के कोविड हेल्थ सेंटर में 600 कोरोना मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इलाज के लिए जो भी कोरोना के मरीज यहां भर्ती हुए उस दौरान उनमें से किसी की भी मौत नही हुई. यहां भर्ती 94 फीसदी कोरोना मरीजों का इलाज आयुर्वेद से ही किया गया, जिसमें आयुर्वेदिक दवाएं, योग और प्राणायाम शामिल है. छह फीसदी मरीजों के इलाज में एलोपैथ की भी मदद ली गई.

केंद्र सरकार के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने कोरोना के लगभग 600 मरीजों का अब तक इलाज किया. एक को छोड़कर सब स्वस्थ होकर घर लौटे. एक मरीज की हालत सीरियस हुई लेकिन उसे दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया जहां उसकी मौत हुई. यानी इस अस्पताल में एक भी कोरोना मरीज की इलाज के दौरान मौत नही हुई. कोरोना की दोनों लहर में इस अस्पताल ने कुल 592 माइल्ड और मॉडरेट कैटेगरी के मरीजों का इलाज किया इनमें 94% मरीजों का इलाज आयुर्वेद के ज़रिये किया गया. बाकी करीब 6% मरीजों में मदद एलोपैथी की लेनी पड़ी.

‘99.99% मरीज पूरी तरह से ठीक हुए’

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक डॉ तनुजा नेसारी ने बताया, “अगर जरूरत पड़ी तो यहां एलोपैथी डॉक्टर भी हैं. पेशेंट की जरूरत के हिसाब से मॉडरेट कंडीशन में जोड़ते हैं जिससे मरीज ठीक हो रहे हैं. हमारे यहां 99.99% मरीज पूरी तरह से ठीक हुए.”उन्होंने आगे बताया, “कोरोना के मरीजों के लिए 47 बेड वाले इस अस्पताल में इलाज आयुर्वेदिक दवा, योग, हवन और प्राणायाम के दम पर किया जाता है. मरीजों को योग,प्राणायाम कराया जाता है. आपताल का स्टॉफ भी योग और प्राणायाम करता है. सुबह के वक्त यज्ञ और हवन किया जाता है. मरीजों को अस्पताल का स्टाफ ठीक होने के लिए प्रोत्साहित भी करता है. गिलोई, कुछ हर्ब्स, आयुष 64, आयुष काढ़ा और अश्वगंधा मरीजों के इलाज में दिया जाता है.”

डॉ अलका कपूर, डेप्युटी मेडिकल सुप्रीटेंडेंट, AIIA ने बताया, “सुबह हम नीचे एक यज्ञ करते हैं. हवन करते हैं जिसको हम हर्बल फ्यूमिगेशन से वो कर सकते हैं. पिछले 2 दिनों से अब इस अस्पताल में पोस्ट Covid वार्ड का भी इंतजाम किया गया है.”

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