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प्रेग्नेंसी के वक्त Uric Acid बढ़ने का होता है ज्यादा खतरा, मां-शिशु दोनों की सेहत के लिए है नुकसानदायक, जानें कैसे बचें

प्रेग्नेंसी के दौरान भी यूरिक एसिड की मात्रा उच्च होने से जच्चा-बच्चा दोनों को नुकसान हो सकता है…

High Uric Acid : भागदौड़ और व्यस्त लाइफ स्टाइल के जरिए हर किसी को छोटी-मोटी स्वास्थ्य परेशानी होना आम है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लोग जब प्यूरीन युक्त फूड का अधिक सेवन करने लगते हैं तो इससे बॉडी में यूरिक एसिड ( uric acid) भी ज्यादा बनने लगता है, जो शरीर से निकल नहीं पाता और ब्लड में जमा होने लगता है. ऐसा होने से आप कई गंभीर बीमारियों से शिकार बन सकते हैं. 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई बार प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की शिकायत अधिक हो जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान भी यूरिक एसिड की मात्रा उच्च होने से जच्चा-बच्चा दोनों को नुकसान हो सकता है.

हमने डॉक्टर नीरजा गोयल से इस संबंध में खास बातचीत की है. डॉक्टर नीरजा ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्पिटल में Obs & Gynae Department की Professor & Head हैं. बातचीत के दौरान हमने गर्भावस्था में यूरिक एसिड हाई होने से महिला और बच्चे को होने वाली समस्या और इससने निपटने के उपाय के बारे में जाना है.

नीचे सवाल और जवाब के जरिए समझिए पूरी बात…

क्या होता यूरिक एसिड ? (What is uric acid)
यूरिक एसिड शरीर के सेल्स और हमारे आहार से बनता है, जो यूरिन के जरिए शरीर से निकलता है. आमतौर पर किडनी यूरिक एसिड ( uric acid) को फिल्टर कर देती है और यह टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है, जो हड्डियों के बीच में जमा हो कर दर्द पैदा करता है. 

1. सवाल- गर्भावस्था में यूरिक एसिड हाई होने से कौन सी बीमारी हो सकती है?

जवाब- यूरिक एसिड के बढ़ने को Hyperuricemia भी कहा जाता है. इससे जोड़ों में दर्द उठता है. यह आपके खून और यूरिन को काफी एसिडिक भी बना सकता है. गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने में अगर महिलाओं का यूरिक एसिड लेवल हाई होता है तो प्री-क्लाम्प्सिया नाम की गंभीर बीमारी हो जाती है. 

2. सवाल- प्रेग्नेंसी में Uric Acid बढ़ने से क्या नुकसान हो सकता है ?

जवाब- बताया जाता है कि गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने में अगर महिलाओं का यूरिक एसिड लेवल हाई हो जाता है तो उनमें प्री-क्लाम्प्सिया नाम की गंभीर बीमारी हो जाती है. साथ ही, उनमें जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है.

3. सवाल- प्रेग्नेंसी में Uric Acid बढ़ने से शिशु को क्या नुकसान हो सकता है? 
जवाब- गर्भवती महिलाओं के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा जरूरत से ज्यादा होने पर शिशु को भी हानि हो सकती है. बच्चों का वजन प्रभावित होता है, कम या अधिक वजन होने से गर्भ में अथवा पैदा होने के बाद शिशु की जान को खतरा हो सकता है. इसके अलावा बच्चों को भविष्य में हाइपरटेंशन, हृदय रोग व डायबिटीज का खतरा भी होता है. 

4. सवाल- प्रेग्नेंसी के दौरान कितना होना चाहिए यूरिक एसिड का लेवल?
जवाब- नॉर्मल महिलाओं में यूरिक एसिड का स्तर 2.5 से लेकर 5.6 mg/dL.होता है. 
वहीं गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान हेल्दी महिलाओं के शरीर में यूरिक एसिड लेवल 2 से 4.2 mg/dL. के बीच होता है.
अगले तीन महीनों में इसका स्तर बढ़कर 2.4 से लेकर 4.9 mg/dL. तक हो सकता है. 
तीसरी तिमाही में यूरिक एसिड 3.1 से लेकर 6.3 mg/dL. के बीच हो सकता है.

5. सवाल- प्रेग्नेंसी के वक्त यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए ? 
जवाब- इसके लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना बहुत जरूरी है. साथ ही, हल्के-फुल्के व्यायाम और योगासनों को भी प्रैक्टिस करें. गर्भवती महिलाओं को फल, हरी सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए. जंक फूड, नॉन वेज, प्रोसेस्ड और शुगरी फूड्स के इस्तेमाल से बचना चाहिए. गाउट यूरिक एसिड के उच्च स्तर के कारण होता है.

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