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‘Swiss Bank में भारतीयों का धन बढ़ रहा, इसका मतलब यह नहीं है की ये Black Money है

नई दिल्ली, पीटीआइ। स्विस बैंकों में भारतीय धन की वृद्धि को ब्लैक मनी से जोड़ने वाली मीडिया रिपोर्टों पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का बयान आया। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए धन की मात्रा बढ़ने का मतलब यह कतई नहीं है कि वह काला धन है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सच है कि स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा राशि में भारी वृद्धि हुई है, कुछ मीडिया रिपोर्टों में भी कहा गया है कि स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में वृद्धि हुई है। लेकिन इसके काला धन होने का कोई संकेत नहीं है।

उन्होंने कहा कि, स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय को बताया है कि स्विस बैंकों में जमा ग्राहकों का धन जरूरी नहीं कि स्विट्जरलैंड में ही हों, उनमें विदेशी शाखाओं में भी जमा धन के आंकड़े शामिल हो सकते हैं। राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में चौधरी ने बताया कि हाल में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के संबंध में, स्विस अधिकारियों ने बताया कि एसएनबी रिपोर्ट स्विस बैंकिंग क्षेत्र की एक व्यापक सामने लाती है और एसएनबी की वार्षिक बैंकिंग सांख्यिकी पर आधारित है।

स्विस नेशनल बैंक (SNB) के नए आंकड़ों के मुताबिक, भारत स्थित शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम जमा धन बढ़ा है, यह वर्ष 2020 में बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ़्रैंक के 13 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अगर भारतीय मुद्रा में इसको गिना जाए तो यह राशि करीब 20,700 करोड़ रुपये है।

चौधरी ने कहा, ‘इन आंकड़ों के लिए, बैंक अपने बैंक कार्यालय और विदेशी शाखाओं के लेखा-जोखा की सूचनाएं देते हैं। इसके अलावा, स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने यह भी बताया है कि स्विस बैंकों के पास ग्राहकों का जमा-धन जरूरी नहीं कि स्विट्जरलैंड में रखा ह। ऐस में भारत के निवासियों की ओर से स्विट्जरलैंड में रखे गए धन के विश्लेषण के लिए एसएनबी की वार्षिक रपट का उपायोग नहीं किया जाना चाहिए।’

न्यूज एजेंसी ने 17 जून को बताया था कि भारत स्थित शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों और फर्मों की ओर से जमा किया गया धन वर्ष 2020 में 2.55 अरब स्विस फ़्रैंक के 13 साल के उच्च स्तर (20,700 करोड़ रुपये से अधिक) हो गया। धन के बढ़ने में प्रतिभूतियों और उनकी तरह की योजनाओं का बड़ा योगदान रहा है।

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