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Retirement Planning: इन 10 बातों का रखिए ध्यान, सुखमय बीतेगा रिटायरमेंट के बाद का समय

नई दिल्ली, दीपक जैन। क्या आपको पेंटिंग करने में मजा आता है या फिर आप पूरी दुनिया घूमना चाहते हैं। लेकिन नौकरी और जिम्मेदारियों की वजह से आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में आप निश्चित तौर पर यह सोचते होंगे कि रिटायरमेंट के बाद आप ये सारे शौक पूरा करेंगे। हर व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद सुविधाजनक जीवन, हॉबी को पूरा करना और वित्तीय आजादी चाहता है। हालांकि, अगर आप नौकरी या बिजनेस करते हुए पर्याप्त सेविंग नहीं करते हैं तो आपको इन सपनों को पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपको वित्तीय आजादी भी नहीं मिल पाती है। ऐसे में इन सपनों को पूरा करने के लिए सही समय पर रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत काफी अहम हो जाता है।

रिटायरमेंट की प्लानिंग जटिल चीज है। हालांकि, आप इसे सरल तरीके से करना चाहते होंगे। सुरक्षित और सुविधाजनक रिटायरमेंट के इन 10 सरल स्टेप्स को फॉलो करेंः 

अभी कर दीजिए निवेश की शुरुआत

आपको अपनी पहली सैलरी मिलने के साथ ही रिटायरमेंट के लिए निवेश की शुरुआत कर देनी चाहिए। अगर आपने अब तक ऐसा नहीं किया है तो यह इसकी शुरुआत का सबसे उपयुक्त समय है। देर करने का मतलब है कि आपको उतनी ही राशि जुटाने के लिए ज्यादा सेविंग करने की जरूरत होगी क्योकिं आप कम्पाउंडिंग की ताकत का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।  

उदाहरण के लिए अगर कोई 25 वर्ष का व्यक्ति 60 साल की उम्र में रिटायर होना चाहता है और उस समय उसे अपने रिटायरमेंट फंड के लिए पांच करोड़ रुपये चाहिए। अगर हम यह मान लें कि उसे अपने निवेश पर औसतन 12 फीसद सालाना का रिटर्न मिल रहा है तो उसे प्रति माह 6,850 रुपये निवेश करने की दरकार होगी। वहीं, अगर कोई 45 वर्ष की आयु का व्यक्ति भी 60 साल में रिटायर होना चाहता है और उसे भी रिटायरमेंट के समय पांच करोड़ रुपये की रकम चाहिए तो उसे तकरीबन 86,050 रुपये प्रति माह का निवेश करना होगा।

मकान किराये पर लेना बेहतर है या खरीदना 

रिटायरमेंट के समय आपके पास अपना घर होना सबसे अहम है। इससे आपको एक तरह की सिक्योरिटी मिलती है और आप भारी-भरकम किराये के बोझ से बच जाते हैं, जो महंगाई दर की वजह से समय के साथ बढ़ते जाता है। इसके साथ ही रियल एस्टेट एक ऐसी संपत्ति होती है, जिसकी वैल्यू समय के साथ बढ़ती है।

हेल्थकेयर पर आने वाली लागत

आज के समय में लोगों को कम उम्र में ही कई तरह की बीमारियां घेर ले रही हैं। दूसरी ओर इलाज भी काफी महंगा होते जा रहा है। किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी शारीरिक और वित्तीय तौर पर आपको परेशान करने वाली साबित हो सकती है। यह आपके रिटायरमेंट फंड को काफी अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में मेडिकल इंश्योरेंस काफी जरूरी हो जाती है। कम उम्र में मेडिकल इंश्योरेंस लेना फायदे का सौदा होता है क्योंकि तब प्रीमियम काफी कम होते हैं और कवरेज ज्यादा मिल जाती है। 

रिटायरमेंट की डेट तय कीजिए

आप कितने वर्ष तक अपने रिटायरमेंट के लिए फंड जुटाना है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस कितने वर्ष की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं। अधिकतर लोग 60 साल से 65 साल की आयु में रिटायर होते हैं लेकिन कुछ लोग इससे पहले भी रिटायर हो रहे हैं। इसके लिए रिटायरमेंट के समय अधिक फंड की दरकार होती है।  

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समय के साथ बढ़ जाते हैं खर्चे

महंगाई की वजह से जीवनयापन के खर्च में हर साल वृद्धि होती है। जब आप रिटायर होंगे तो आपको अपनी वर्तमान जीवनशैली को बनाए रखने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होगी। इसके साथ ही जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती जाती हैं। आपको अपने रिटायरमेंट फंड के लिए जरूरी रकम का निर्धारण करते समय इन खर्चों को ध्यान में रखना होगा।

जीवन प्रत्याशा को भी ध्यान में रखना है जरूरी 

मेडिकल साइंस के बेहतर होने से जीवन प्रत्याशा में काफी अधिक वृद्धि हुई है। अपने रिटायरमेंट फंड के लिए इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है। अपनी वित्तीय आजादी एवं रिटायरमेंट के बाद भी वेतनभोगी काल की तरह का जीवनस्तर मेंटेन करने के लिए पर्याप्त धन रखना बहुत अहम है।

पर्याप्त फंड इकट्ठा करना है जरूरी

अगर आप अपने रिटायरमेंट के बाद अच्छी जिंदगी बिताना चाहते हैं तो इसके लिए पर्याप्त फंड जुटाना अहम है। थोड़ा कम जुटाने से बेहतर है कि आप थोड़ा ज्यादा जुटाएं।

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कहां इंवेस्ट करें?

आपके रिटायरमेंट पोर्टफोलियो में क्या होना चाहिए? अगर आपके रिटायरमेंट में 10 साल से ज्यादा का समय बचा है तो इक्विटी में निवेश करना अच्छा विकल्प है क्योंकि यह ऐसे एसेट क्लास में आता है, जिसमें महंगाई दर से मुकाबले की क्षमता है। यह लंबी अवधि में बहुत अधिक रिटर्न देने में भी सक्षम है। हालांकि, अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं तो इस बात की सलाह दी जाती है कि आप डेट इंस्ट्रुमेंट या ऐसे इंस्ट्रुमेंट में निवेश करें, जिसमें डेट और इक्विटी का मिश्रण हो। डेट इंवेस्टमेंट ना सिर्फ आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करता है बल्कि नियमित आय के सृजन में भी मददगार साबित होता है। 

क्या मुझे SIP करानी चाहिए?

म्युचुअल फंड्स द्वारा ऑफर किए जाने वाला SIP या सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान लंबी अवधि में निवेश का एक आदर्श और अनुशासित तरीका है। यह ना सिर्फ निश्चित अंतराल पर एक अच्छी-खासी रकम के निवेश का विकल्प उपलब्ध कराता है बल्कि इसे एक्सपर्ट्स मैनेज करते हैं।

निवेश करना मत छोड़िए

रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय आजादी के लिए अनुशासित तरीके से और निरंतर निवेश करना अहम है।

(लेखक Edelweiss AMC में प्रमुख (बिक्री) हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)

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