MUST KNOW

RTGS, NEFT पेमेंट के लिए RBI ने बदले नियम, अब गैर बैंकिंग संस्थाएं भी दे सकेंगी सुविधाएं, जानिए क्या होंगे फायदे

RBI: बैंकों के अलावा अब नॉन बैंकिंग संस्थाएं भी NEFT, RTGS सुविधाओं का इस्तेमाल कर पाएंगी. RBI के इस फैसले का असर ये होगा कि इन संस्थाओं की निर्भरता बैंकों पर कम होगी और डिजिटल पेमेंट को एक नई रफ्तार मिलेगी. 

नई दिल्ली:  रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकों को भी उसकी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) सिस्टम जैसी सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम (CPS) में हिस्सा लेने की इजाजत दे दी है. रिजर्व बैंक का कहना है कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. 

Read more:DL, पासपोर्ट, आधार कार्ड और PAN Card बनाने के लिए अब दलालों की जरूरत नहीं, मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

RBI ने अप्रैल में ही कहा था कि गैर-बैंकों को RTGS, NEFT जैसी CPS का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी, लेकिन चरणबद्ध तरीके से. हालांकि अभी तक सिर्फ बैंकों को ही RTGS और NEFT पेमेंट्स की सुविधाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत है. रिजर्व बैंक पेमेंट सिस्टम में पहुंच बढ़ाकर डिजिटल पेमेंट को रफ्तार देने की कोशिश कर रहा है. 

ये संस्थाएं दे पाएंगी NEFT, RTGS की सुविधाएं

RBI ने अपने ताजा सर्कुलर कहा है कि प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट  (PPI) जारी करने वाले, कार्ड नेटवर्क, व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर्स को पहले चरण में CPS में हिस्सा लेने की इजाजत होगी. RBI की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मौजूदा व्यवस्थाओं की समीक्षा और पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स (PSPs) के साथ विस्तार से चर्चा के बाद, ये प्रस्ताव दिया जाता है कि पहले चरण में, ऑथराइज्ड गैर-बैंक PSP, जैसे PPI जारीकर्ता, कार्ड नेटवर्क और व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर इसके डायरेक्ट सदस्य होंगे. इसका मतलब है कि ये संस्थाएं अपने ग्राहकों को NEFT और RTGS जैसी सुविधाएं दे सकेंगी.

CPC में शामिल होंगी ये संस्थाएं

बैंकों के अलावा, अबतक सिर्फ कुछ चुनिंदा नॉन बैंकों को ही CPS में हिस्सा लेने की इजाजत दी गई है. नॉन बैंक्स जिन्हें CPC की मेंबरशिप/एक्सेस दी गई है, उनमें स्टैंडलोन प्राइमरी डीलर्स, स्टॉक एक्सचेंज के क्लियरिंग कॉर्पोरेशन, सेंट्रल काउंटर पार्टी, रिटेल पेमेंट सिस्टम ऑर्गेनाइजेशन, NABARD, EXIM बैंक और DICGC जैसे कुछ चुनिंदा वित्तीय संस्थान शामिल हैं. CPS तक सीधी पहुंच वाले गैर-बैंक को एक अलग IFSC अलॉट किया जाएगा, जो रिजर्व बैंक के साथ अपने कोर बैंकिंग सिस्टम (ई-कुबेर) में एक करेंट अकाउंट यानी चालू खाता खोल सकता है, RBI के साथ एक सेटलमेंट अकाउंट भी बनाए रख सकता है.

Read more:SBI ने सुरक्षित ऑनलाइन बैंकिंग के लिए Yono Lite App में एक नया फीचर जोड़ा, जानिए डिटेल

पेमेंट फेल होने का खतरा कम होगा

RBI ने कहा कि गैर बैंकिंग संस्थाओं की CPS तक सीधी पहुंच से पेमेंट सिस्टम में रिस्क घटेगा. यह गैर बैंकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. इससे उनके भुगतान लागत में कमी आएगी और बैंकों पर उनकी निर्भरता कम होगी. गैर बैंक जब सीधा पेमेंट कर सकेंगे तो पेमेंट के फेल होने का खतरा तो कम होगा ही साथ ही पेमेंट में देरी के मामले भी कम होंगे.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top