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कमाल का हेलमेट, पहनते ही पकड़ लेगा कहीं आपको ट्यूमर तो नहीं, जानें इसके बारें में सबकुछ

हाउस्टन मेथोडिस्ट न्यूरोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डेविड बस्किन ने कहा कि इस हेलमेट की मदद से भविष्य में ब्रेन कैंसर का इलाज बिना किसी नुकसान वाले प्रोसेस के संभव हो पाएगा. 

नई दिल्ली: साइंस की दुनिया में रोजाना नए चमत्कार हो रहे हैं. हेल्थ की दुनिया में रोजाना ऐसी चीजें संभव हो रही है जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी. साइंटिस्टों ने एक मैग्नेटिक हेलमेट बनाया है जो ब्रेन ट्यूमर का इलाज कर सकता है. हैरत की बात यह है  इस हेलमेट ने न सिर्फ ब्रेन ट्यूमर का पता लगाया बल्कि इसे एक तिहाई तक कम कर दिया. हेलमेट का इस्तेमाल एक 53 वर्षीय रोगी पर किया गया था, इससे मरीज के 31 प्रतिशत मास के ट्यूमर को कम समय में हटा दिया. इस परीक्षण को दुनिया का पहला ब्रेन कैंसर के खतरनाक स्टेज ग्लयोब्लास्टोमा ( glioblastoma ) की नॉन इनवेसिव थेरेपी माना गया. 

ऐसे हुआ इलाज
techcrunch की खबर के अनुसार रोगी ने घर पर पांच सप्ताह तक हेलमेट पहना. इसके बाद घर पर भी इसे पहना. नतीजतन, मैग्नेटिक फील्ड  ने रोगी के ट्यूमर मास और मात्रा को लगभग एक तिहाई तक कम कर दिया. हेलमेट का उपयोग शुरू में रोगी द्वारा 2 घंटे के लिए किया गया था जिसे बाद में 6 घंटे के उपयोग के लिए किया गया. हाउस्टन मेथोडिस्ट न्यूरोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डेविड बस्किन ने कहा कि इस हेलमेट की मदद से भविष्य में ब्रेन कैंसर का इलाज बिना किसी नुकसान वाले प्रोसेस के संभव हो पाएगा. डेविड बस्किन (David S. Baskin) ने कहा  रोगी और उसके परिवार के साहस के लिए धन्यवाद. हम दुनिया में ग्लियोब्लास्टोमा के लिए पहली गैर-इनवेसिव थेरेपी की संभावित प्रभावशीलता का टेस्ट और वेरीफिकेशन करने में सक्षम रहे. 

ऐसा है हेलमेट
हेलमेट को तीन मजबूत, घूमने वाले मैग्नेट के साथ लगाया गया है जो एक मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न करते हैं. इस तकनीक का उपयोग करते हुए, साइंटिस्टों ने सेल कल्चर में ग्लियोब्लास्टोमा की मात्रा और मास को कम करने में सक्षम हुए. ह्यूमन मानव ग्लियोब्लास्टोमा कोशिकाओं को एक लैब में चूहों  में ग्राफ्ट किया गया था.

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